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विश्वरूपम के आगे माई, लिसन अमाया, मिडनाइट्स चिल्ड्रेन फेल
मुम्बई। बीते शुक्रवार एक साथ प्रदर्शित हुई चार फिल्मों 'माई', 'लिसन अमाया', 'मिडनाइट्स चिल्ड्रेन' और 'विश्वरूपम' में से सिर्फ कमल हासन की विवादित फिल्म 'विश्वरूपम' ही दर्शक जुटाने में कामयाब रही। वहीं विवादित लेखक सलमान रुश्दी की किताब पर बनी फिल्म 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' के कुछ टिकटों की बिक्री हुई। दूसरी तरफ अन्य दो फिल्मों का सिनेमाघरों में बने रहना लगभग मुश्किल हो चला है।
एक
साथ
चार
चार
फिल्मों
के
प्रदर्शित
होने
के
पीछे
का
औचित्य
क्या
है।
क्या
दर्शक
इस
बात
के
लिए
तैयार
बैठे
थे
कि
वह
एक
सप्ताह
के
अंदर
चार
चार
फिल्में
देखने
सिनेमाघरों
तक
जाएंगे।
व्यापार
विशेषज्ञ
तारन
आदर्श
इस
बात
से
सहमत
नहीं
हैं।
उनका
कहना
है,
"पता
नहीं
फिल्म
निर्माता
कब
अपनी
गलतियों
से
सबक
लेंगे।
एक
ही
दिन
में
बहुत
सारी
फिल्मों
के
प्रदर्शन
से
पूरा
फिल्म
व्यवसाय
प्रभावित
होता
है।
मुझे
इस
तरह
की
जल्दबाजी
का
कारण
समझ
में
नहीं
आता।
आम
आदमी
के
पास
न
तो
इतना
समय
है
न
इतना
पैसा
और
रुचि
कि
वह
एक
ही
सप्ताह
में
बहुत
सी
फिल्में
देखने
जाएं।
इस
तरह
फिल्म
व्यवसाय
मंद
पड़
जाता
है।"
हालांकि फिल्म निर्माण कम्पनी वियाकॉम 18 मोशन पिक्च र्स के प्रमुख संचालक विक्रम मल्होत्रा का मानना है कि बॉक्सऑफिस पर दर्शकों की व्यय क्षमता कम नहीं है। मल्होत्रा का कहते हैं, "दर्शकों के सिनेमाघरों को जाने की एक परंपरा है लेकिन यह तभी हो सकता है जब एक फिल्म दर्शकों को खुद से जोड़ पाती है। दर्शक सिनेमाघरों को सिर्फ इसलिए नहीं जाते कि हर शुक्रवार को नई फिल्में प्रदर्शित होती हैं।"
उन्होंने कहा, "यदि दो या तीन अच्छी फिल्में एक साथ प्रदर्शित हों तब भी उन्हें दर्शक मिल जाते हैं।" फिल्मों के एक साथ प्रदर्शित होने की आपाधापी से निजात पाने का एक तरीका डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) सेवा है। इसके माध्यम से सभी फिल्मों को सीधे सेटेलाइट के जरिए घर-घर पर प्रदर्शित किया जा सकेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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