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    'प्रवास में पहली कहानी' का विमोचन

    By Staff
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    'प्रवास में पहली कहानी' का विमोचन

    ब्रिटेन की हिंदी-उर्दू महिला कथाकारों की पहली कहानी के संग्रह 'प्रवास में पहली कहानी' का लंदन में लोकार्पण किया गया.

    नेहरू केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन लंदन स्थित संस्था कथा यूके ने किया और समारोह की अध्यक्षता की बीबीसी हिंदी सेवा की पूर्व अध्यक्ष अचला शर्मा ने.

    इस कथा संग्रह का संपादन किया है उषा वर्मा और चित्रा कुमार ने.

    कहानी संग्रह की संपादिका उषा वर्मा ने इस अवसर पर आने वाली पीढ़ी को संबोधित करते हुए कहा, “यदि मैं तुम्दारी पीढ़ी में इन किताबों के माध्यम से जीवित रहूं तो यही मेरी मुक्ति है.”

    उनका कहना था, “बाहरी प्रयोजन न होने पर भी हम लिखेंगे. लिखना अपने अंदर से बाहर आना होता है. लेखन हमारी संपूर्णता का सवाल है.”

    हिन्दी और उर्दू कहानियों की तुलना करते हुए उनका मत था, “ऐसा मेरा ख़याल है कि उर्दू कहानियों में इंटेलेक्चुअल टफ़नेस हिंदी कहानियों से अधिक है जब कि हिंदी कहानियों में सांस्कृतिक विवेक गहराई से स्पष्ट हुआ है.”

    इस अवसर पर मौजूद काउंसलर ग्रेवाल की सोच थी, “हमें इन कहानियों का अंग्रेज़ी में अनुवाद करवाना चाहिए. और सबसे महत्वपूर्ण बात यह होगी कि इन पुस्तकों को किसी भी तरह यहां के पुस्तकालयों में पहुंचाया जाए.”

    समारोह में कीर्ति चौधरी की कहानी का पाठ कृति यूके की अध्यक्ष तितिक्षा शाह ने किया.

    समारोह की अध्यक्ष अचला शर्मा का कहना था कि इस प्रकार के संकलन साहित्य को एक अलग दृष्टि से देखने में सहायक होते हैं. कथा यूके के महासचिव, कथाकार तेजेन्द्र शर्मा ने घोषणा की कि जल्दी ही एक और कहानी संकलन का विमोचन नेहरू केंद्र में होगा जिसमें ब्रिटेन के उर्दू कहानीकारों की कहानियाँ हिंदी साहित्य जगत के सामने अनुवाद के माध्यम से प्रस्तुत की जाएंगी.

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