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'हम मसखरे नहीं अभिनेता हैं'
देवानंद जैसे दिखने वाले किशोर भानुशाली ने कहा, "आज मैं अपने चेहरे की वजह से यहां हूं लेकिन मुझे अफसोस है कि मैं एक हास्य कलाकार बनकर रह गया हूं। कोई भी यह नहीं समझता कि मैं पहले एक अभिनेता हूं। मैं कभी भी कॉमेडियन की छवि से बाहर नहीं निकल सकूंगा।"
उन्होंने कहा, "मैं जब भी राजपाल यादव या किसी अन्य कलाकार को अच्छी भूमिकाएं करते देखता हूं तो मुझे लगता कि यदि मुझे यह भूमिका मिलती तो मैं भी इस किरदार के साथ न्याय कर पाता लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं होता क्योंकि जब भी मैं मंच पर आता हूं मुझे लोगों को हंसाना पड़ता है। लोगों की यही अपेक्षा होती है।" तैंतालीस वर्षीय भानुशाली ने 'दिल', 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' और 'करन अर्जुन'सहित अनेक फिल्मों में काम किया है।
इसी तरह फिल्म अभिनेता गोविंदा के डुप्लीकेट आनंद कहते हैं कि एक हास्य अभिनेता की छवि से बाहर निकल पाना बहुत मुश्किल है। आनंद कहते हैं कि उन्हें दूसरों की तरह आचार-व्यवहार करना पड़ता है क्योंकि यही उनकी रोजी-रोटी है। वह कहते हैं कि ऐसे में उनकी अपनी कोई पहचान नहीं बन पाती। आनंद ने फिल्म 'रामगढ़ के शोले'से बॉलीवुड में कदम रखा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।