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    'ख़ान' विवाद पर बॉलीवुड की राय

    By Neha Nautiyal
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    'ख़ान' विवाद पर बॉलीवुड की राय

    पाकिस्तानी खिलाडियों को इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल में न लिए जाने पर शाहरुख़ ख़ान के बयान की वजह से गर्मा-गर्मी बढ़ती ही जा रही है. 12 फरवरी को रिलीज़ हो रही शाहरुख़ की फ़िल्म 'माय नेम इज़ ख़ान' इस विवाद का निशाना बन गई है.

    इस फ़िल्म की रिलीज़ को लेकर देश भर में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में बॉलीवुड की जानी-मानी हस्तियाँ भी इसपर अपनी राय दे रही हैं. आईपीएल की टीम ‘राजस्थान रॉयल्स’ की सह-मालिक शिल्पा शेट्टी शाहरुख़ का समर्थन करती हैं. उन्होंने कहा 'मैं और पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री शाहरुख़ के साथ है क्योंकि अगर किसी भी फ़िल्म को लेकर कोई विवाद होता है तो फ़िल्म इंडस्ट्री पर भी उसका प्रभाव पड़ता है. शाहरुख़ ने जो भी कहा मैं उसपर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती लेकिन इस फ़िल्म इंडस्ट्री का हिस्सा होने के नाते मैं शाहरुख़ के साथ हूं.’

    शाहरुख़ की इस फ़िल्म को लेकर चल रहे विवाद पर सलमान ने भी अपनी राय दी. सलमान का मानना है कि राजनीति को खेल और फिल्मों से दूर रखना चाहिए.

    सलमान ने कहा 'मुंबई हादसों में जो भी हुआ वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन हर इंसान एक जैसा नहीं होता. हर देश में इस तरह के लोग पाए जाते हैं लेकिन उसका मतलब ये नहीं कि आप सबको एक ही तराज़ू में तोलें.’

    लेकिन सलमान कहीं न कहीं मानते हैं कि आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को शामिल करना चाहिए था. वो कहते हैं 'मुझे समझ नहीं आता क्यों शाहरुख़ या फिर दूसरी टीमों ने पाकिस्तानी खिलाडियों को नहीं चुना. नीलामी में मौजूद टीम के मालिकों को पाकिस्तानी खिलाडियों के लिए बोली लगानी चाहिए थी.’

    फ़िल्म निर्माता और अभिनेता फ़रहान अख़्तर कहते हैं कि हर इंसान को अपनी राय देने का हक है और अगर किसी को वो बात पसंद नहीं आती तो इसका मतलब ये नहीं की हिंसा का सहारा लिया जाए.

    फ़रहान ने कहा 'समाज में इस तरह से दंगे मचाना और हर जगह हिंसा और अशांति फैलाना अच्छी बात नहीं है. किसी भी बात को आराम से बैठकर सुलझाया जा सकता है लेकिन सिनेमाघरों में तोड़ा-फोड़ी मचाना या फिर गुंडागर्दी करना ग़लत है.’

    अभिनेता शर्मन जोशी भी इस पूरे विवाद के ख़िलाफ़ हैं. उनका कहना है 'सिर्फ़ शाहरुख़ ख़ान ही नहीं बल्कि फ़िल्म से जुड़े़ हर शख़्स पर इस विवाद का प्रभाव पड़ रहा है. बहुत से लोगों के सपने और उम्मीदें इससे जुड़ी हुईं हैं और इस तरह के मुद्दों की वजह से एक फ़िल्म क्यों भुगते.’

    जाने-माने कवि और फ़िल्म लेखक जावेद अख़्तर कहते हैं कि हमारे देश में और भी बड़ी-बड़ी समस्याएं है जिन के बारे में गंभीरता से सोचने की ज़रुरत है. ऐसे महत्वहीन मुद्दों पर ज़्यादा ज़ोर नहीं डालना चाहिए. ये कोई इतनी बड़ी बात नहीं थी कि जिसे इस कदर उछाला गया.’

    जहां बॉलीवुड के लोग इस मुद्दे पर ख़ुल कर बात कर रहे हैं वहीं अमिताभ बच्चन ने इससे कन्नी काटना ही ठीक समझा. इस मुद्दे पर कई बार सवाल किये जाने के बाद अमिताभ ने कहा 'मेरे हिसाब से इस मुद्दे को कुछ ज़्यादा ही उछाल दिया गया है. ऐसी बातें करने का कोई फायदा नहीं जिससे किसी को कुछ भी हासिल न हो. बेहतर होगा की हम अमन और शांति का पैग़ाम दें.’

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