Just In
- 25 min ago GQ Awards: देर रात रेड कार्पेट पर सितम करती दिखी भूमि पेडनेकर, कोई नहीं है हसीना की टक्कर में
- 52 min ago भांजी की शादी में खाने को लेकर मेहमानों से ऐसी बात कर रहे थे गोविंदा, कैमरे में रिकॉर्ड हो गया सब कुछ
- 1 hr ago Arti Singh Wedding: अपनी शादी में इस शख्स को देखते ही झरने से बहे दुल्हनिया के आंसू, खूब रोई आरती सिंह
- 1 hr ago First Pics: सुर्ख जोड़े में दीपक की हुई आरती सिंह, भाई-भाभी का हाथ थामे क्लिक कराई पहली तस्वीरें और वीडियो
Don't Miss!
- News लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले के आरोपी को NIA ने किया गिरफ्तार
- Education IIT JEE Advanced 2024: जईई एडवांस के लिए 27 अप्रैल से होंगे आवेदन शुरू, देखें परीक्षा तिथि फीस व अन्य डिटेल्स
- Lifestyle First Date Tips: पहली ही डेट में पार्टनर को करना है इम्प्रेस तो ध्यान रखें ये जरूरी बात
- Technology इस दिन होने जा रहा Apple का स्पेशल इवेंट, नए iPad के साथ इन प्रोडक्ट्स की हो सकती है एंट्री
- Finance Bengaluru Lok Sabha Election 2024: फ्री Rapido,बीयर.! वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर्स को दिए जा रहे ऑफर्स
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Automobiles करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
व्यावसायिक हुआ बॉलीवुडः अनुपम खेर
अनुपम ने कहा, फिल्मोद्योग अब ज्यादा व्यवसायिक बन गया है, जो बहुत अच्छी बात है लेकिन इसके साथ ही यह बहुत औपचारिक भी हो गया है। उन्होंने कहा, जब यहां वैनिटी वैंस, मोबाइल्स नहीं थे तब यहां बहुत ज्यादा घनिष्ठता थी। लोग बैठते थे, एक दूसरे से बातें करते थे और अपने विचारों का आदान-प्रदान करते थे। लेकिन अब यहां अलगाव या अलग-थलग रहने की स्थिति है। यह बढ़िया है लेकिन मैं लोगों से मिलने-जुलने वाला व्यक्ति हूं इसलिए मैं अपने सह-कलाकारों की वैन में चला जाता हूं और उनसे बातें करता हूं।
पद्मश्री से सम्मानित अनुपम ने सारांश में सशक्त अभिनय कर बॉलीवुड में अपनी खास जगह बनाई थी। उन्होंने कर्मा में एक खलनायक की तो लम्हे में हास्य भूमिका निभाई। उनका कहना है कि भारतीय सिनेमा का भविष्य बहुत उम्दा है। अब आप अपने विचारों व विश्वासों के अनुरूप फिल्में बना सकते हैं आपको एक तय फार्मूले पर फिल्म बनाने की आवश्यकता नहीं है, जो बहुत अच्छी बात है।
अनुपम ने कहा कि एक समय था जब छोटी फिल्मों के अच्छा व्यवसाय करने के विषय में सोचना बहुत मुश्किल था लेकिन अब ऐसी फिल्में सफल होती हैं। खोसला का घोसला, ए वेडनेस्डे और कहानी ऐसी ही कुछ फिल्में हैं। यदि कम बजट की फिल्मों को अच्छी तरह बनाया जाए तो वे अच्छा व्यवसाय करती हैं। वह कलाकारों को अभिनेताओं व चरित्र अभिनेताओं में बांटने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का विभाजन केवल बॉलीवुड में ही होता है जबकि अन्य जगहों पर ऐसा नहीं है।