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शंहशाह ने पूरे किए चालीस साल
वर्ष 1969 में सात हिन्दुस्तानी से हिंदी फ़िल्मों में क़दम रखा एक दुबले-पतले लंबे शख़्स ने जिसका नाम था अमिताभ बच्च्न. हालांकि फ़िल्म ज़्यादा चली नहीं लेकिन अमिताभ बच्चन को इसके लिए ‘बेस्ट न्यूकमर’ का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरुस्कार मिला.
तब से आज तक अमिताभ ने ढेरों फ़िल्मों में विभिन्न किरदार निभाए और दर्शकों के दिलों में अपने लिए ख़ास जगह बनाई. अपने चालीस साल के फ़िल्मी सफ़र के बारे में अमिताभ बच्चन कहते हैं कि उनके करियर में बहुत लोगों का योगदान रहा है.
अमिताभ कहते हैं, “ख़्वाजा अहमद अब्बास ने मुझे सबसे पहले सात हिंदुस्तानी में ब्रेक दिया. मेरा सौभाग्य है कि मुझे प्रकाश मेहरा, यश चोपड़ा, मनमोहन देसाई और रमेश सिप्पी जैसे प्रतिभाशाली निर्देशक और सलीम-जावेद जैसे लेखकों के साथ काम करने का मौका मिला.”
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अनगिनत फ़िल्मों में अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले अमिताभ 1968 में फ़िल्मों में क़िस्मत आज़माने मुंबई आए.
अमिताभ कहते हैं, “1968 में सुनील दत्त और नर्गिस ने स्क्रीन टेस्ट के लिए मुझे मुंबई बुलाया. लेकिन इसे दुर्भाग्य ही समझिए या फिर मेरा सौभाग्य कि किसी ने भी वो स्क्रीन टेस्ट नहीं देखा क्योंकि अगर देखा होता तो शायद मैं आज फ़िल्मों में नहीं होता.”
अमिताभ कहते हैं, “मैंने हर पीढ़ी के फिल्मकारों के साथ काम किया है. मैं भगवान और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का शुक्रगुज़ार हूँ कि लोग आज भी मुझे बर्दाश्त कर रहे हैं.”
उनका कहना हैं, “आज मैं ऐसे लोगों के साथ काम कर रहा हूँ जो उम्र में मुझसे कम-से-कम चालीस साल छोटे हैं. मैं उनके उत्साह से थोड़ा सा असहज महसूस करता हूँ. लेकिन मुझे इनके साथ काम करके ख़ुशी मिलती है. ये ऐसे फिल्ममेकर हैं जो न सिर्फ भारतीय सिनेमा में ही नहीं बल्कि वर्ल्ड सिनेमा में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं.”
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शुरुआती फ़िल्मों में अमिताभ बच्चन की पहचान बनी एंग्री यंग मैन के रुप में. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कॉमेडी रोल भी बख़ूबी निभाए. अब अमिताभ खेल रहे हैं अपने करियर की दूसरी पारी.
उनके बेटे अभिषेक बच्चन कहते हैं, “मेरे पिता अपने करियर के ऐसे मक़ाम पर हैं जहां उन्हें लगता है कि जो उन्हें करना था वो वे कर चुके हैं. इसलिए अब वो अलग-अलग तरह के रोल कर रहे हैं.”
अमिताभ बच्चन की बहू ऐश्वर्या राय बच्चन के लिए अपने ससुर की अपनी पसंदीदा फ़िल्में चुनना मुश्किल है. ऐश्वर्या कहती हैं, “वो एक महान अभिनेता हैं और अपने काम के प्रति बहुत समर्पित हैं. उनके साथ काम करना सम्मान की बात है. वो अब भी अपने रोल्स से दर्शकों को अचंभित करते हैं.”
दर्शक तो यही चाहेंगे कि आने वाले कई सालों तक हिंदी फ़िल्मों का ये महानायक अपने अभिनय से उनका मनोरंजन करता रहें.
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