twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    आहत आमिर ख़ान का इस्तीफ़ा

    By Neha Nautiyal
    |
    आहत आमिर ख़ान का इस्तीफ़ा

    अभिनेता आमिर ख़ान ने उस 10 सदस्यीय सरकारी पैनल से इस्तीफ़ा दे दिया है जिसे कॉपीराइट क़ानून में होने संशोधनों पर विमर्श के लिए गठित किया गया था.

    आमिर ख़ान ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल को अपना इस्तीफ़ा भेजा है.

    इस्तीफ़ा देते हुए आमिर ख़ान ने अपने पत्र में लिखा है, “मुझे लगता है कि इस विषय पर में काफ़ी योगदान दे सकता हूं लेकिन इस माहौल में मैं कोई सार्थक योगदान नहीं दे सकता.”

    आमिर ख़ान ने आगे अपने पत्र में लिखा है कि कुछ लोग उनके बारे झूठ छपवाकर कॉपीराइट के मुद्दे पर बहस से ध्यान हटाना चाहते हैं.

    विवाद

    आमिर ख़ान का ये फ़ैसला मुबंई के कुछ अख़बारों ये ख़बर छपने के बाद आया है कि इस पैनल की एक बैठक में आमिर ख़ान और जावेद अख़्तर की बीच गर्मागर्म बहस हुई है.

    ख़बरों के मुताबिक़ कॉपीराइट पैनल की बैठक के दौरान आमिर ख़ान का ये तर्क कि 'गीतकार का गाने की कामयाबी में ज़्यादा योगदान नहीं होता', का जावेद अख़्तर ने विरोध किया था.

    आमिर का कहना था कि सितारे गानों को हिट बनाते हैं, गाना स्टार को हिट नहीं बनाता.

    समाचार एजेंसियों के अनुसार जावेद अख़्तर ने आमिर के इस तर्क के जवाब में कहा कि आमिर ख़ान की फ़िल्म ‘क़यामत से क़यामत तक’ का गाना ‘पापा कहते हैं’ तब भी सुपरहिट रहा था, जब आमिर ख़ान एकदम नए कलाकार थे.

    मानव संसाधन मंत्री को लिखे पत्र में आमिर ख़ान ने कहा है, “इस तरह की आक्रामकता से मैं उदास हूं और आगे काम नहीं कर पाऊंगा. इसलिए मेरा निवेदन है कि आप मेरा त्यागपत्र मंज़ूर करें और किसी अन्य व्यक्ति को मेरी जगह नियुक्त कर लें.”

    कॉपीराइट एक्ट में संशोधनों पर विमर्श के लिए सुझाव देने के लिए बनी इस समिति में आमिर ख़ान के अलावा विशाल भारद्वाज, जावेद अख़्तर और संगीत निर्देशक विशाल डडलानी समेत दस सदस्य हैं.

    फ़िल्म लेखकों और गीतकारों की हमेशा से ये शिकायत रही है कि उन्हें फ़िल्मों की कामयाबी का आर्थिक लाभ नहीं होता क्योंकि उनके लिखे गानों की रॉयल्टी सिर्फ़ निर्माताओं और म्यूज़िक कंपनियों को ही मिलती है.

    द फ़िल्म रायटर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया जल्द ही इस मुद्दे पर आर्दश कॉन्ट्रेक्ट ला रही है जिसमें लेखकों के हितों का ख़्याल रखने के प्रावधान होंगे लेकिन इस विवाद से तो यही लगता है कि फ़िल्म निर्माता उनकी इस मांग को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X