twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    5 रुपए दिहाड़ी पर काम करते थे प्रकाश मेहरा

    |

    A Tribute to Film-maker Prakash Mehra
    तुम गगन के चन्द्रमा मैं धरा की धूल हूं। इस पहले गीत के बदले फिल्‍मकार प्रकाश मेहरा को भले ही मात्र पांच रुपये मिले हों लेकिन वह सितारा मायानगरी में चांद की तरह चमका। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 13 जुलाई को पैदा होने वाले प्रकाश का जीवन संघर्षों से भरा रहा। कभी नाई की दुकान में रात बितायी तो कभी भूखे पेट फुटपाथ पर बैठे रहे। हिम्मत न हारने वाले इस फिल्‍मकार ने गीत लिखने से लेकर कई ऐसी यादगार फिल्में दीं जो आज भी दर्शकों के बीच लोकप्रिय हैं।

    फिल्म जंजीर से सुपरस्टार अमिनाभ बच्चन को पहचान देने वाले प्रकाश ही थे। प्रकाश ही थे जिन्हें कभी कोई संगीतकार सुनना नहीं चाहता, लेकिन समय बदला तो संगीतकार उनसे मिलने को तरसने लगे। बिजनौर में पैदा हुए प्रकाश का संघर्ष मुम्बई में कई महीनों चला। बुलन्दी के आसमान में पहुंचने से पहले उन्होंने कई रातें खुले आसमान के नीचे काटी। संघर्ष के दिनों में उन्होंने फिल्म डिवीजन में रोजाना पांच रुपये पर नौकरी की।

    इधर-उधर भटकते प्रकाश ने ढेरों संगीतकारों के आगे मिन्नतें की कि एक बार कोई उनका गीत सुने और शायद उन्हें कोई काम मिल जाए। अक्सर लोग उन्हें दुत्कार दिया करते थे। कभी किसी ने गीत सुनने की हामी भरी तो वह भी अनमने ढंग से। एक संगीतकार के यहां बैठे प्रकाश का गीत एक बुजुर्ग ने सुना और वह गीत खरीदा लिया। प्रकाश को बदले में मिले पचास रुपये यह पहली रकम थी जो प्रकाश को बतौर गीतकार मिली थी। पचास रुपये मिलने पर प्रकाश को काफी खुशी हुई।

    बाद में उन्हें पता चला कि वह बुजुर्ग कोई और नहीं बल्कि मशहूर गीतकार भरत व्यास थे जबकि गीत था तुम गगन के चन्द्रमा हो मैं धरा की धूल हूं। यहीं से शुरू हुआ प्रकाश मेहरा का फिल्मी सफर। उनके कैरियर में गोविन्द सरैया व मोहन सहगल की महत्वपूर्ण भूमिका रही जिनके साथ काम करते हुए उन्हें एक बार एक लाख की भारी भरकम रकम मिली। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद वह फिल्म निर्माण के क्षेत्र में आए और 1968 में उन्होंने शशि कपूर के साथ फिल्म हसीना मान जाएगी बनायी जो यादगार रही।

    फिर 1971 में संजय खान व फिरोज खान के साथ उनकी फिल्म मेला रिलीज हुई। फिर प्रकाश एक के एक फिल्म बनाते चले गए। इसी बीच उनकी मुलाकात प्राण से हुई तैयार हुआ जंजीर का ताना बाना। वर्ष 1973 में तैयार फिल्म में अभिनय किया अमिताभ बच्चन ने। यही व फिल्म थी जब प्रकाश मेहरा व अमिताभ की जोड़ी बनी जिसके बाद एक से एक हिट फिल्में दर्शकों को देखने को मिलीं। इस क्रम में थीं लावारिश, मुकद्दर का सिकन्दर, शराबी, जादूगर व नमक हलाज जैसी फिल्में। इन फिल्मों ने प्रकाश मेहरा व अमिताभ बच्चन को हिट जोड़ी का खिताब दिलाया। मायानगरी में 33 वर्षों तक चमकते रहा सितारे 17 मई 2009 को अपने साथियों को छोड़कर चला गया पीछे टूट गयीं वह यादें जो आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं।

    English summary
    Born on 13 July 1939 at Bijnor, Uttar Pradesh, India, Mehra started in the late 1950s as a production controller. Here is an story on Prakash Mehra. Actually this is a tribute to him on his Birthday.
    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X