twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    काफी खुश हैं आशा भोंसले

    By Jaya Nigam
    |

    प्रख्यात पार्श्व गायिका आशा भोंसले 30 साल बाद लाइव रिकॉर्डिग करके बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने गायक व सितारवादक शुजात खान के साथ पारम्परिक शास्त्रीय गीतों पर आधारित एक एलबम पेश की है। आशा मानती हैं कि यदि गीत मधुर हों तो आर्केस्ट्रा गैरजरूरी हो जाता है। नई तकनीक आने के बाद अब नए गायक-गायिकाएं टुकड़ों में अपने गीत रिकॉर्ड करते हैं लेकिन आशा को पहले की ही तरह पूरा गीत एक बार में ही रिकॉर्ड करना पसंद है।

    आशा ने कहा, "मैंने अंतिम बार पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के साथ लाइव रिकॉर्डिग की थी और यह 30 साल पहले की बात है। उस समय लाइव रिकॉर्डिग ही होती थी। उसके बाद से यह मेरी पहली लाइव रिकॉर्डिग है।'नैना लगाई रे' नाम से आई इस एलबम को सारेगामा ने पेश किया है। आशा कहती हैं कि उन्होंने एक शास्त्रीय संगीतकार के साथ 14 साल बाद काम किया है। इससे पहले उन्होंने उस्ताद अली अकबर खान के साथ 1996 में 'लीगेसी' एलबम पेश की थी।

    आशा कहती हैं, "पहले हम एक बार में पूरा गीत गाते थे, अब छोटे-छोटे टुकड़ों में गाते हैं। मैं इस नए चलन में अपने आप को ढालना नहीं चाहती थी इसलिए मैं अन्य कलाकारों के साथ लाइव प्रस्तुतियां देती रही। जब हमने इस एलबम की रिकॉर्डिग साथ में की तो पूरा गीत एक साथ गाया था।"

    उन्होंने कहा, "यह अद्भुत अनुभव था क्योंकि वहां कोई रुकावट नहीं थी। नहीं तो जब हम रिकॉर्ड करते हैं तो संगीत निर्देशक यह कहकर बड़ी परेशानी खड़ी करते हैं कि इसे ऐसे या वैसे गाओ। इसमें हम बस गाते हैं और यदि गीत के किसी हिस्से को और बेहतर बनाया जा सकता है तो उसे दोबारा गाकर रिकॉर्ड किया जाता है।"

    आर्केस्ट्रा के इस्तेमाल पर आशा कहती हैं कि इसके स्थान पर गीतों में मधुरता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नृत्य के गीतों के लिए ऑर्केस्ट्रा अच्छा है, नहीं तो इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। यदि गीत को अच्छा लिखा गया हो और उससे अच्छे से गाया जाए तो श्रोताओं को वह पसंद आता है।

    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X