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आज़ादी का अमृत महोत्सव: इन गानों पर झूम कर नाच रहे हैं देश के नन्हें मुन्ने बच्चे
कोई भी उत्सव हो, कोई भी त्योहार हो वो बॉलीवुड और संगीत के बिना अधूरा रहता है। और 15 अगस्त 2022 को तो आज़ादी का अमृत महोत्सव मन रहा है जहां पूरा देश आज़ादी के 75 साल पूरे होने की खुशी का जश्न मना रहा है।
इस
मौके
पर
देश
को
आने
वाले
नौजवान,
जिनके
हाथों
में
देश
की
कमान
सौंपी
जाएगी,
वो
आज
अपने
नन्हें
कदमों
से
ढेर
सारे
देशभक्ति
गीतों
पर
थिरकते
दिख
रहे
हैं।
स्कूल
में
जहां
ये
बच्चे
प्यारे
प्यारे
देशभक्ति
गीतों
पर
परफॉर्म
करते
दिख
रहे
हैं
वहीं
सोशल
मीडिया
पर
भी
लोग
अपने
बच्चों
के
परफॉर्मेंस
की
ढेर
सारी
तस्वीरें
और
वीडियो
शेयर
कर
रहे
हैं।
इस
मौके
पर
हम
भी
आपको
याद
दिला
देते
हैं
देशभक्ति
के
रंग
में
लिपटे
वो
प्यारे
प्यारे
गीत
जिन्हें
आपने
भी
अपने
बचपन
में
स्कूल
में
ज़रूर
परफॉर्म
किया
होगा।
जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया
जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा। ये गीत जैसे ही बजना शुरू होता है, हर किसी के चेहरे पर अपने आप एक मुस्कान तैर जाती है। इस गीत को लिखा था राजेंद्र किशन ने और ये सिंकदर ए आज़म नाम की एक फिल्म का गाना था जिसे आवाज़ दी थी मोहम्मद रफी ने। गाने के बोल भी बेहद प्यारे थे - ये धरती वो जहां ऋषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला, जहां हर बालक एक मोहन है और राधा हर एक बाला। हर स्कूल में 15 अगस्त पर इस गाने पर एक परफॉर्मेंस होना तो अनिवार्य होता है।
आओ बच्चों तुम्हें दिखाए
आओ
बच्चों
तुम्हें
दिखाएं
झांकी
हिंदुस्तान
की,
इस
मिट्टी
से
तिलक
करो
ये
धरती
है
बलिदान
की।
वंदे
मातरम।
ये
गाना
है
1954
की
फिल्म
जागृति
का।
ये
फिल्म
बच्चों
को
देश
के
बारे
में
शिक्षा
देने
के
लिए
ही
बनाई
गई
थी
और
ये
गीत
इस
उद्देश्य
को
बेहतरीन
ढंग
से
पूरा
करता
है।
गीत
को
लिखा
था
प्रदीप
ने
और
उन्होंने
ही
इसे
गाया
भी
था।
गीत
में
भारत
के
उत्तर,
दक्षिण,
पूरब,
पश्चिम
हर
प्रांत
की
विशेषता
बताई
गई।
गीत
की
कुछ
लाइनें
आपको
यहां
याद
दिलाते
हैं
-
देखो
मुल्क
मराठों
का
यह
यहां
शिवाजी
डोला
था
मुग़लों
की
ताकत
को
जिसने
तलवारों
पे
तोला
था
हर
पर्वत
पे
आग
जली
थी
हर
पत्थर
एक
शोला
था
बोली
हर-हर
महादेव
की
बच्चा-बच्चा
बोला
था
शेर
शिवाजी
ने
रखी
थी
लाज
हमारी
शान
की
इस
मिट्टी
से
तिलक
करो
ये
धरती
है
बलिदान
की
वंदे
मातरम,
वंदे
मातरम
नन्हा मुन्ना राही हूं
नन्हा
मुन्ना
राही
हूं
देश
का
सिपाही
हूं,
बोलो
मेरे
संग
जय
हिंद।
छोटे
छोटे
बच्चे
जब
जय
हिंद
का
नारा
लगाते
हुए
ये
गाना
गाते
हैं
तो
हर
किसी
का
मन
खुशी
से
झूम
उठता
है।
ये
गाना,
1962
में
आई
सन
ऑफ
इंडिया
नाम
की
एक
फिल्म
से
था।
इस
गीत
को
आवाज़
दी
थी
शांति
देवी
माथुर
ने
और
इसे
लिखा
था
शक़ील
बदायुंनी
ने।
संगीत
नौशाद
साहब
का
था।
गाने
के
कुछ
बोल
ऐसे
थे
-
नया
है
ज़माना
मेरी
नई
है
डगर,
देश
को
बनाउंगा
मशीनों
का
नगर,
भारत
किसी
से
न
रहेगा
कम,
आगे
ही
आगे
बढ़ाउंगा
कदम,
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम!
बड़ा
हो
के
देश
का
सितारा
बनूंगा,
दुनिया
की
आँखों
का
तारा
बनूंगा,
रखूँगा
ऊंचा
तिरंगा
हरदम,
आगे
ही
आगे
बढ़ाउंगा
कदम,
दाहिने
बाएं
दाहिने
बाएं,
थम!
आई लव माय इंडिया
छेड़ा जब मल्हार किसी ने, झूम के सावन आया, आग लगी पानी में भी जब दीपक राग सुनाया। सात सुरों का संगम ये जीवन गीतों की माला, हम अपने भगवान को भी कहते हैं बांसुरी वाला। सुभाष घई की फिल्म परदेस में इस गीत पर महिमा चौधरी थिरकती नज़र आती हैं। लेकिन इस गीत की जान हैं आदित्य नारायण और उनकी आवाज़ में आई लव माय इंडिया। बच्चों की ज़ुबान पर ये गाना बेहद प्यारे तरीके से फबता है। इस गीत को कई सिंगर्स ने मिलकर आवाज़ दी थी जिसमें हरिहरण, कविता कृष्णमूर्ति, शंकर महादेवन, आदित्य नारायण और अमरीश पुरी शामिल थे। इसे लिखा था आनंद बख़्शी ने।
It Happens Only India
जहां
पांव
में
पायल,
हाथों
में
कंगन,
हो
माथे
पे
बिंदिया...फिल्म
परदेसी
बाबू
में
गोविंदा
अपनी
मासूमियत
के
साथ
इस
गाने
को
वो
मुकाम
देते
हैं
जो
शायद
ही
कोई
एक्टर
दे
पाता।
और
यही
कारण
है
कि
आप
अक्सर
ही
नन्हें
मुन्ने
बच्चों
को
15
अगस्त
पर
इस
गाने
पर
थिरकते
ज़रूर
देख
लेंगे।
इस
गीत
को
आवाज़
दी
थी
आनंद
राज
आनंद
ने।
गाने
के
कुछ
बोल
आपको
याद
दिला
देते
हैं।
शबरी
के
खाके
बेर
राम
ने
प्रेम
की
प्रथा
चलाई
मीरा
ने
पीकर
जहर
का
प्याला
प्रीत
की
रीत
निभाई
जहां
प्रेम
की
धुन
पे
गोपियों
संग
नाचे
कृष्ण
कन्हैया
It
Happens
only
in
India
फिर भी दिल है हिंदुस्तानी
हम
लोगों
को
समझ
सको
तो
समझो
दिलबर
जानी,
जितना
ही
तुम
समझोगे
उतनी
ही
होगी
हैरानी।
शाहरूख
खान
और
जुही
चावला
की
फिल्म
फिर
भी
दिल
है
हिंदुस्तानी
का
ये
गाना
भी
बच्चों
का
फेवरिट
देशभक्ति
गीत
बनने
में
ज़्यादा
टाईम
नहीं
लेता।
क्योंकि
इस
गाने
के
बोल
ही
इतने
सरल
है
और
धुन
बिल्कुल
प्यारी।
इस
गीत
को
लिखा
था
जावेद
अख्तर
ने
और
इसे
आवाज़
दी
थी
उदित
नारायण
ने।
हम
लोगो
को
समझ
सको
तो
समझो
दिलबर
जानी
उल्टी
सीधी
जैसी
भी
है
अपनी
ये
ही
कहानी
थोड़ी
हममें
होशियारी
है
थोड़ी
है
नादानी
थोड़ी
हममें
सच्चाई
है
थोड़ी
बेईमानी
फिर
भी
दिल
है
हिन्दुस्तानी
ऐसा देस है मेरा
अब
शाहरूख
खान
की
बात
हो
और
ऐसा
देस
है
मेरा
का
ज़िक्र
ना
हो,
ऐसा
कैसे
हो
सकता
है
भला।
वीर
ज़ारा
ये
गाना
भले
ही
नया
है
लेकिन
फिर
भी
इस
गाने
में
वो
सब
कुछ
जो
आपको
एक
छोटा
स
बच्चा
बनकर
इस
पर
थिरकने
पर
मजबूर
कर
देता
है।
इस
गीत
को
लिखा
था
संजीव
कोहली
ने
और
इसे
आवाज़
दी
थी
उदित
नारायण
ने।
गाने
की
कुछ
लाइनें
यूं
हैं।
बाप
के
कंधे
चढ़के
बच्चे
जहां
देखें
मेले
मेलों
में
नट
के
तमाशे,
कुल्फी
के
चाट
के
ठेले
कहीं
मिलती
मीठी
गोल,
कहीं
चूरन
की
है
पुड़िया
भोले
भोले
बच्चे
हैं
जैसे
गुड्डे
और
गुड़िया
और
इनको
रोज़
सुनाएं
दादी
नानी,
इक
परियों
की
कहानी
ऐसा
देस
है
मेरा।
मोहे रंग दे बसंती
साल
2006
में
आई
आमिर
खान
की
फिल्म
रंग
दे
बसंती
और
इस
फिल्म
ने
गाने
मोहे
रंग
दे
बसंती
के
बिना
तो
मानिए
किसी
भी
स्कूल
का
स्वतंत्रता
दिवस
का
जश्न
ही
अधूरा
रह
जाता
है।
इस
गाने
को
गाया
है
दलेर
मेंहदी
ने
और
जितना
जोश
उनकी
आवाज़
में
है
उतने
ही
जोश
के
साथ
बच्चे
इस
गाने
पर
थिरकते
हुए
नज़र
आते
हैं।
इस
गीत
को
लिखा
है
प्रसून
जोशी
ने।
पंजाबी
में
होने
के
बावजूद
ये
गाना
बच्चों
की
ज़ुबान
और
कदमों
दोनों
पर
तेज़ी
से
चढ़
जाता
है।
थोड़ी
सी
धूल
मेरी,
धरती
की
मेरे
वतन
की
थोड़ी
सी
खुश्बू
बौराई
मस्त
पवन
की
थोड़ी
सी
धौंकने
वाली
धक
धक
धक
धक
धक
धक
सांसे
जिनमें
हों
जुनूं
जुनूं
वो
बूंदें
लाल
लहू
की
ये
सब
तू
मिला
मिला
फिर
रंग
तू
खिला
खिला
ले
और
मोहे
तू
रंग
दे
बसंती
यारा
मोहे
तू
रंग
दे
बसंती
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