आलोचनात्मक समीक्षा
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पद्मावत कहानी है जुनून और झक्कीपन की। फिल्म की शुरुआत होती है जलालुद्दीन खिलजी (रज़ा मुराद) के बैठक से। जहां वह दिल्ली की सल्तनत पर राज़ करने की योजना बना रहा होता है। तभी बैठक में एक शुतुरमुर्ग लिए आगमन होता है जलालुद्दीन के भतीजे अलाउद्दीन खिलजी (रणवीर सिंह) का। दुनिया की हर नायाब वस्तु को हासिल करने की चाह रखने वाला अलाउद्दीन अपने चाचा से उनकी बेटी महरूनिसा (अदिति राव हैदरी) का हाथ मांगता है। इधर निकाह होता है.. उधर अलाउद्दीन की दरिंदगी बढ़ती जाती है। कुछ घटनाओं के बाद वह अपने चाचा की हत्या कर सल्तनत का राजा बन जाता है।
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