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    सायको या ड्रग एडिक्ट का रोल निभाऊंगी

    By Super
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    अपनी पहली इंटरनेशनल फिल्म 'रामा द सेवियर" के लिए चर्चा का विषय बन चुकी तनुश्री दत्ता ने का दावा है कि इस फिल्म में जैसा एक्शन उन्होंने किया है वैसा आज तक किसी भी नायिका ने अपनी फिल्म में नहीं किया है. फिर वह चाहे 'डॉन" की ज़ीनत अमान हों, 'द्रोणा" की प्रियंका चोपडा हों या फिर 'समय" की सुष्मिता सेन हों. अब इनके दावे कितने सही ठहरते हैं यह तो फिल्म रिलीज़ के बाद दर्शकों को पता चल ही जाएगी. फिलहाल थोडी बहुत बातें हमनें और जानने की कोशिश की हैं इस बातचीत के माध्यम से.

    अपनी आने वाली फिल्म 'रामा द सेवियर" के बारे में बताइए ?

    इस फिल्म के लिए मैं काफी उत्साहित हूं. साथ ही बहुत खुश हूं क्योंकि इस फिल्म में पहली बार मैंने काफी एक्शन किया है. हालांकि इसमें मुझे काफी चोटें आई मगर फिर भी काफी मज़ेदार रहा. जहां तक किरदार की बात है अपने किरदार के बारे में कुछ भी बताने के लिए अभी मुझे अनुमति नहीं है. हां इतना बता सकती हूं कि इस फिल्म में मैं एक एक्शन लडकी का किरदार निभा रही हूं. वैसे भी अभी इस फिल्म के रिलीज़ होने में अभी काफी वक़्त है.

    हमनें सुना है आप कह रही थी कि बॉलीवुड की अगली एक्शन हीरोइन आप हैं ?

    जी हां बिल्कुल. यदि दर्शकों ने मुझे इस फिल्म में अपनाया तो यह बात सच हो जाएगी. मुझे लगता है इस तरह का एक्शन नायिकाओं द्वारा बहुत कम किया गया है. वैसे इन दिनों फिल्मों में नायिकाओं द्वारा एक्शन करने का एक ट्रेंड शुरू हो गया है. उन्होंने अपनी फिल्मों में कितनी एक्शन की है यह तो मुझे नहीं पता मगर हां जितना एक्शन मैंने इस फिल्म में किया है उतना किसी और हीरोइन ने कभी नहीं किया होगा.

    किस तरह के एक्शन दृश्यों को अंजाम दिया है. विस्तार से बताइए ?

    आम तौर पर फिल्मों में नायिकाएं थप्पड मार देती हैं या ज़्यादा हुआ तो एक घूंसा. मगर इस फिल्म में मैंने ज़बर्दस्त एक्शन किया है जैसे हवा में घूमकर घूंसा मारना, उपर से छलांग लगाना पानी के अंदर स्टंट करना इत्यादि. आपकी सुविधा के लिए बता दूं कि इसमें मैंने ठीक 'चार्लीस एंजिल्स" की लडकियों की तरह एक्शन किया है. आम तौर पर इस तरह का एक्शन करने के लिए दो ढाई महीने की ट्रेनिंग लेनी पडती है मगर वक़्त की कमी के कारण मैंने इसके लिए महज़ दो हफ्ते की ट्रेनिंग ली. साथ ही मैंने टाइकवांडू की कुछ मूल ट्रेनिंग ली.

    इतने एक्शन में से आपके लिए सबसे रोमांचकारी कौन सा एक्शन रहा ?

    (सोचते हुए) मेरे लिए पानी वाला एक्शन सबसे अधिक दिलचस्प और रोमांचकारी रहा. सागर के अंदर जाकर खुद को पानी के जानवरों के बीच देखना अच्छा अनुभव रहा. उस एक्शन को करते वक़्त मुझे लगा जैसे कुछ देर के लिए मेरी सांसे थम गई हों. इसका एक कारण यह भी था कि मुझे स्विमिंग नहीं आती थी.

    रियल लाइफ में कितना एक्शन किया है ?

    रियल लाइफ में मुझे अधिक एक्शन करने का मौका नहीं मिला. जब मैं स्कूल में थी तब स्कूल की तरफ से कैंप जाया करती थी. वहां हमें रस्सी से चढना, ऊंचाई से कूदना और पैदल चलना सीखाया जाता था. मैंने कभी एड्वेंचरस कैंप में भी हिस्सा नहेऎं लिया क्योंकि वहां जाने के लिए आपके साथ कोई होना चाहिए. दुर्भाग्य से मेरे दोस्तों को इसमें ज़रा भी दिलचस्पी नहीं थी.

    इस फिल्म में काफी बच्चे हैं उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ?

    बच्चों के साथ काम करना मेरे लिए बहुत सुखद अनुभव रहा. वह बच्चे काफी भद्र और आज्ञाकारी थे. इस फिल्म में बच्चों के अलावा हमनें जानवरों के साथ भी शूटिंग की है. पहली बार पाइथॉन सांप को मैंने काफी करीब से देखा. इसके अलावा चिंपैंजी और अन्य बहुत से जानवर थे.

    सबसे ज़्यादा खतरनाक क्या रहा. बच्चों के साथ काम करना या जानवरों के साथ काम करना ?

    यूं तो जैसा कि मैंने कहा बच्चे काफी भद्र थे मगर सेट पर उनकी धमा चौकडी मची होती थी. (हंसते हुए) वैसे बच्चों के साथ काम करना ज़्यादा खतरनाक रहा क्योंकि जानवर तो बेचारे शांत बैठे रहते थे. उनकी सुरक्षा का खास ख्याल रखा जाता था जिससे कोई उन्हें किसी तरह की हानि न पहुंचा सके.

    आपके लिए बच्चों के साथ काम करना आसान रहा या मुश्किल ?

    देखिए बच्चे तो बच्चे ही होते हैं. मस्ती करना उनका स्वभाव है मगर वह बहुत अनुशासन में रहकर मस्ती करते थे. उनमें से कई बच्चे का अनुभव इस इंडस्ट्री में मुझसे भी ज़्यादा है. कुछ तब से काम कर रहे हैं जब वह काफी छोटे थे. यूं सेट पर शरारत होती रहती थी मगर मेरे साथ वह काफी शराफत से पेश आते थे.

    इस फिल्म के बाद क्या यह कहना सही नहीं होगा कि इससे इंटरनेशनल फिल्मों के द्वार आपके लिए खुल गए हैं ?

    इंटरनेशनल फिल्मों के दरवाजे कितने खुले हैं यह तो फिल्म रिलीज़ होने के बाद उसके रिस्पॉस को देखकर पता चलेगा. मगर हां कुछ नया करने की खुशी ज़रूर है. यह फिल्म मैंने इसलिए की क्योंकि इसमें मुझे भरपूर एक्शन करने का मौका मिल रहा था.

    तो क्या हाम यह समझें कि इस फिल्म से आपके सपने साकार हो गए ?

    देखिए कहते हैं इच्छाएं कभी नहीं मरती. इच्छाओं से सपने जुडे हैं. एक इच्छा पूरी होने के बाद दूसरी इच्छा जन्म ले लेती है. उसी तरह एक्शन करने का सपना मेरा पूरा ज़रूर हुआ है मगर अब उसके बाद मेरा एक और सपना है वह है सायको या ड्रग एडिक्ट की भूमिका निभाना.

    इस तरह के किरदार करने के लिए आपको सबसे अधिक किस अभिनेत्री ने प्रभावित किया ?

    मुझे 'ज़िंदगी एक जुआ" में माधुरी की एक्टिंग बहुत अच्छी लगी है जो उन्होंने बतौर ड्रग एडिक्ट की है. सायको का किरदार सबसे बेस्ट ऊर्मिला मातोंडकर ने फिल्म 'प्यार तूने क्या किया" में निभाया है. मुझे इनकी एक्टिंग पसंद है मगर मैं इनसे प्रभावित नहीं हूं। जब मैं यह किरदार निभाऊंगी तो इसे अपने स्टाइल से निभाऊंगी.

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