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    सलमान से कम नहीं दिखूंगी प्रेम रतन धन पायो में- सोनम कपूर

    By Sonika
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    हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की फैशन दिवा सोनम कपूर की फिल्म डॉली की डोली इस हफ्ते बॉक्सऑफिस पर अपनी किस्मत आजमाने आ रही है। फिल्म में सोनम कपूर ने एक लुटेरी दुल्हन का किरदार निभाया है। सोनम कपूर इस फिल्म व अपने किरदार को लेकर बेहद उत्साहित हैं उनका कहना है कि फिल्म की सफलता व असफलता सिर्फ उनपर नहीं बल्कि पूरी कास्ट पर निर्भर करती है। सोनम ने सलमान खान के साथ अपनी अगली फिल्म प्रेम रतन धन पायो को लेकर भी बात की। तो प्रस्ततु हैं सोनम के इंटरव्यू के कुछ खास बातें-

    डॉली की डोली में आपका मुख्य किरादर है। फिल्म की सफलता असफलता पूरा दामोदार आपके कंधों पर है?

    मैं खुद को डोली की डोली का मुख्य किरदार नहीं कह सकती क्योंकि फिल्म की पूरी स्टारकास्ट ही बहुत महत्वपूर्ण है। हां ये कहा जा सकता है कि डॉली की डोली में मेरा किरदार सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और मैं इस टीम की कैप्टन हूं। लेकिन बिना टीम के कोई कैप्टन जीत नहीं सकता। मैं बहुत खुश हूं कि इतनी बेहतरीन टीम के साथ फिल्म कर रही हूं और उम्मीद है कि ये फिल्म लोगों को पसंद आएगी।

    आपकी पिछली तीनों फिल्में रांझना भाग मिल्खा भाग और खूबसूरत बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं। तो क्या अब फिल्म की सफलता को लेकर किसी तरह का दबाव महसूस कर रही हैं आप?

    ऐसा नहीं है कि मैं किसी तरह के दबाव में हूं। मुझे अच्छा लगता है अगर मेरी फिल्मं अच्छा कमाती हैं, सफल होती हैं। लेकिन वहीं इस बात की भी खुशी मिलती हैं कि अब लोग ये सोचेंगे कि सोनम अच्छा काम करती हैं तो उनकी फिल्में देखनी चाहिए।

    साल 2015 में आपके पास कई अलग अलग तरह के किरदारों वाली फिल्में हैं। तो आपको लगता है कि साल 2015 आपका साल होने वाला है।

    पता नहीं, मैं बस इतना ही चाहती हूं कि मुझे अच्छे किरदार मिलते रहें और मेरी फिल्मों को लोग पसंद करते रहें। मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये साल मेरे नाम हो या किसी और के। मैं बस अपने किरदारों के जरिये खुद को दर्शकों के सामने रखना चाहती हं। अपनी अभिनय प्रतिभा को साबित करना चाहती हूं। ये नहीं चाहती कि मैं भी इंडस्ट्री का एक खूबसूरत चेहरा बनकर रह जाउं।

    दावत-ए-इश्क में भी कुछ ऐसी ही कहानी थी जैसी कि डॉली की डोली की है। उसमें भी हिरोइन लोगों को ठगती है। तो आपकी फिल्म कितनी अलग है दावत-ए-इश्क से।

    मंने दावत-ए-इश्क नहीं देखी है तो ये तो नहीं कह सकती कि डॉली की डोली उससे कितनी अलग है। खूबसूरत और दावत-ए-इश्क एक ही दिन रिलीज हुए थे तो प्रमोशन के चलते मैं फिल्म नहीं देख सकी। इसका जवाब नहीं दे सकूंगी।

    आपकी फिल्मों में महिला किरदार बहुत ज्यादा मजबूत होता है। तो आप जानकर इस तरह की फिल्में चुन रही हैं या फिर ये सिर्फ एक कोइंसिडेंस है?

    मैं फिल्मों की कहानी व अपने किरदार को देखकर व समझकर ही उनके लिए हां करती हूं।एक बार आप एक फिल्म कर लेते हैं तो लोग आपको उसी तरह की फिल्मों व किरदारों में देखने लगते हैं। फिर आपको उसी तरह के किरदार भी मिलने लगते हैं। तो ये आपके ऊपर है कि आप किस तरह के किरदार चुनते हैं। रांझना के बाद मुझे भाग मिल्खा भाग मिली और तब इंडस्ट्री को ये समझ आ गया कि मैं ऐसे किरदार करना चाहती हूं जिसमें कुछ संवाद हों और मुझे अभिनय करने की छूट मिले। मुझे लगता है कि चूंकि मैंने इस तरह के किरदार चुनने शुरु किये तो इसलिए अब मुझे ऐसे ही किरदार ऑफर किये जाते हैं।

    आपको इंडस्ट्री में काफी साल हो चुके हैं वरुण से काफी सीनियर हैं आप। तो उनके साथ काम करते समय कितनी सहज थीं आप, और वरुण कितना सहज थे?

    वरुण तो मेरे छोटे भाई की उम्र का है और उसकी जगह अगर मैं भी होती तो अपने बड़ी उम्र के अभिनेता के साथ काम करते समय मैं भी असहज हो जाती। जैसा कि सलमान खान के साथ कम करने से पहले मैं काफी नर्वस थी क्योंकि आपको लगता है कि ये स्टार्स आपके काफी उम्मीदें रखे हुए होंगे। और आपको नहीं पता कि आप उनकी उम्मीदों के हिसाब से काम कर पाएंगे या नहीं। लेकिन एक बार आप इंसान को जान जाएं और उनके साथ दोस्ती बना लें तो सब कुछ आसाना हो जाता है। वरुण और मेरे साथ ऐसा ही हुआ।

    इंडस्ट्री में ऐसा माना जाता है कि जब एक्ट्रेसेस को सलमान खान के साथ फिल्में मिलती हैं तो उनका किरदार उतना महत्वपूर्ण नहीं होता। प्रेम रतन धन पायो में आपको कितना स्क्रीन स्पेस मिला है?

    प्रेम रतन धन पायो के लिए मैंने हां इसलिए कहा क्योंकि ये सूरज बड़जात्या की फिल्म है। उनके जैसी रोमांटिक फिल्म कोई और नहीं बना सकता और अगरआप रोमांटिक फिल्म बनाते हैं तो इसमें दोनों किरदारों को बराबर का स्क्रीन स्पेस मिलता है। दोनों किदार महत्वपूर्ण होते हैं। सूरज बड़जात्या की फिल्मों में हीरो व हिरोइन दोनों को बराबर का महत्व मिलता है। ये फिल्म प्यार और परिवार पर आधारित है। ये ऐसी फिल्म नहीं है जिसमें हिरोइन के तीन सीन्स हैं और 4 गाने। दूसरी बात ये भी है कि मैं ये देखकर फिल्में नहीं करती कि कितनी देर के लिए मैं परदे पर नज़र आउंगी।

    मैं फिल्में ये देखकर करती हूं कि मेरे किरादर का क्या महत्व है। दिल्ली 6 में मैं मश्किल से 25 मिनट तक नज़र आई थी। वहीं भाग मिल्खा भाग में 10 मिनट के लिए। लोग आपको आपके किरदार से याद रखते हैं ना कि कितनी देर आप नज़र आए इस बात से। प्रेम रतन धन पायो फिल्म में मैं शुरु से लेकर अंत तक हूं और हर रोज फिल्म की शूटिंग कर रही हूं। ये अच्छई बात है और मुझे इस बात की खुशी है कि फिल्म में मैं सिर्फ एक खूबसूरत चेहरा नहीं हूं। बल्कि अभिनय भी करने का मौका मिला है। मैं इंडस्ट्री में नंबर वन हीरोइन बनने के लिए नहीं आई थी काम करने आई थी।

    एक्शन फिल्में करना चाहेंगी आप?

    एक्शन फिल्में बनाना बहुत मंहगा काम है। लेकिन मेरा सपना है कि मैं किसी एक एक्शन फिल्म का हिस्सा बनूं।

    English summary
    Sonam Kapoor says success of Dolly Ki Doli is not only depend on her. Whole team is equally responsible for the failure or success of any movie.
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