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    बंगाली फ़िल्मों में काम करेगी महिमा

    By Super
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    दूसरी पारी बंगाली फ़िल्मों से
    फिल्‍म परदेश से लोगो की दिलो पर छा जाने वाली अभिनेत्री महिमा चौधरी पिछले दो सालों से फिल्‍मों से गायब रही है। अब वे अपने अभिनय की दूसरी पारी बंगाली फिल्‍मो से करना चाहती है।

    महिमा मानती हैं कि फिलहाल उनके पास ज्यादा फ़िल्में नहीं हैं.

    उन्हें कुछ प्रस्ताव ज़रूर मिले हैं लेकिन अब तक उन्होंने कुछ तय नहीं किया है.

    वह कहती हैं कि इन दो वर्षों में उन्होंने मातृत्व का सुख उठाया है. बेटी की परवरिश के लिए फ़िल्मों से दूर रहने के बाद अब वह धीरे-धीरे सक्रिय हो रही हैं. हाल में एक कार्यक्रम के सिलसिले में कोलकाता में उनसे विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई-

    बीते दो साल से आप फ़िल्मों में नज़र ही नहीं आईं. इस दौरान अभिनय की कमी नहीं खली?

    इस दौरान शादी की. फिर बेटी हुई. बेटी की परवरिश ख़ुद करने के मोह ने मुझे फ़िल्मों से दूर रखा. मैं असली जीवन में माँ की भूमिका का आनंद उठा रही हूँ. इससे बड़ा सुख कुछ और नहीं हो सकता. मेरी बेटी सिर्फ शाहरुख़ और धोनी को पहचानती है. किसी पंजाबी को देखते ही वह सिंह इज़ किंग गाने लगती है.

    क्या आपने 'परदेस' जैसी हिट फ़िल्म के साथ फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत की कल्पना की थी?

    नहीं. सुभाष घई जैसे निर्देशक के साथ पहली फ़िल्म करना सचमुच किस्मत की बात है. घई साहब ने तीन हज़ार से ज़्यादा आवेदकों में से उस फ़िल्म के लिए मुझे चुना था. तब तक मैं मॉडलिंग कर रही थी. उस फ़िल्म में गंगा की भूमिका में मेरे अभिनय की काफ़ी सराहना हुई. मुझे उसके लिए अगले साल कई अवॉर्ड भी मिले.

    आपको कैसी भूमिकाएँ पसंद हैं?

    मैं खास तौर पर ऐसी भूमिकाएँ पसंद करती हूँ जिसमें अपनी अभिनय की प्रतिभा दिखाने का मौका मिले. मुझे सहायक भूमिकाओं से भी परहेज़ नहीं है. इसलिए मैंने 'दिल क्या करे" और 'धड़कन" जैसी फ़िल्मों में काम किया. उनमें मेरे अभिनय की काफ़ी सराहना हुई. यह अलग बात है कि इन फ़िल्मों को परदेस जैसी कामयाबी नहीं मिली.

    आपने दो दर्जन से ज़्यादा फ़िल्मों में अभिनय किया है. अब पीछे मुड़कर देखने पर कहीं कोई कमी नजर आती है?

    मुझे मौका मिले तो मैं उन तमाम भूमिकाओं को दोबारा निभाना चाहूँगी. इसकी वजह यह है कि मुझे पता है कि उनमें और बेहतरी की गुंजाइश है. मैंने हमेशा अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय करने की भरसक कोशिश की है.

    आपकी पसंदीदा अभिनेत्री?

    जूही चावला. मौका मिले तो मैं उनके साथ काम करना चाहूंगी.

    अब आगे की योजना क्या है?

    मैं बंगाली फ़िल्मों में काम करना चाहती हूँ. दार्जीलिंग में पली-बढ़ी होने की वजह से बंगाली भाषा मेरे लिए कोई समस्या नहीं है. कहानी और पटकथा ठीक मिले तो सबसे पहले बंगाली फ़िल्म से ही दोबारा शुरुआत करना चाहती हूँ. कुछ प्रस्ताव मिले हैं. लेकिन अभी कुछ तय नहीं हुआ है. हाँ, बंगाली फ़िल्म में काम करना तय है.

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