twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    ऑफबीट फिल्मों के लिए चिंतित अमोल पालेकर

    By Jaya Nigam
    |

    मुंबई। प्रख्यात अभिनेता-निर्देशक अमोल पालेकर का कहना है कि समानांतर सिनेमा अब भी भारत में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है और मल्टीप्लेक्स में भी इन फिल्मों के प्रदर्शन के लिए कोई जगह नहीं है। पैंसठ वर्षीय अमोल कहा, "जब हम भारतीय सिनेमा की बात करते हैं तो ज्यादातर मुख्यधारा से इतर सिनेमा को भूल जाते हैं। भारतीय सिनेमा का मतलब केवल मसाला हिंदी फिल्में ही नहीं है।"

    उन्होंने कहा, "छोटी फिल्मों के लिए कोई मंच नहीं है। सिनेमाघरों में मुख्यधारा की फिल्में ही प्रदर्शित होती हैं और इस तरह से विविध फिल्मों के प्रदर्शन के लिए कोई जगह नहीं है।" अमोल ने 'थोड़ा सा रूमानी हो जाएं', 'दायरा' और 'कैरी' जैसी फिल्में बनाई हैं।

    <strong>पढ़ें - रजत कपूर का इंटरव्यू </strong>पढ़ें - रजत कपूर का इंटरव्यू

    उन्होंने कहा, "हमें लोगों को अन्य फिल्मों के प्रति भी जागरूक बनाने की आवश्यकता है ताकि ये फिल्में कुछ खास दर्शक वर्ग तक ही सीमित न रहें। लोग कहते हैं कि मल्टीप्लेक्स की शुरुआत के बाद छोटी फिल्मों को भी जगह मिल रही है लेकिन ऐसा नहीं है। मल्टीप्लेक्स में भी छोटी फिल्मों के दो ही प्रदर्शन होते हैं जबकि बड़ी फिल्मों के 19 प्रदर्शन होते हैं, तब यह कैसे कहेंगे कि छोटी फिल्मों को भी जगह मिल रही है।"

    अमोल एक और कम बजट की सितारे विहीन फिल्म 'एंड वंस अगेन' के साथ तैयार हैं। इस फिल्म का 13 अगस्त को प्रदर्शन होगा। यह अंग्रेजी फिल्म एक ऐसे आदमी की कहानी है जो एक हिसक हमले में अपनी पत्नी और बच्चे को खो देता है। इस दुख से उबरने के लिए वह मनोचिकित्सक की मदद लेता है लेकिन जब उसे लगने लगता है कि उसकी जिंदगी पटरी पर आ गई है तब वह एक और दुविधा में फंस जाता है।

    'एंड वंस अगेन' की ज्यादातर शूटिंग सिक्किम में हुई है। अंतरा माली, रजत कपूर और ऋतुपर्णा सेनगुप्ता ने इसमें अभिनय किया है। अमोल ने 'रजनीगंधा', 'बातों बातों में' और 'गोलमाल' जैसी फिल्मों में अभिनय किया है।

    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X