अक्षय कुमार की फिल्म गब्बर इज बैक इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर अपनी किस्मत आजमाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। फिल्म में अक्षय कुमार और श्रुति हासन मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। हाल ही में फिल्मीबीट के साथ बात करते हुए अक्षय कुमार ने कहा कि गब्बर इज बैक का शोले से कई लेना देना नहीं है।
साथ ही अक्षय ने करीना कपूर को दिये गये आइटम सॉंग के बारे में पूछने पर कहा कि उन्होंने करीना के पास जाकर उन्हें आइटम सॉंग ऑफर नहीं किया। आइये जानते हैं गब्बर इज बैक से गब्बर की विलेन इमेज को हीरो में बदलने जा रहे अक्षय कुमार ने अपने इंटरव्यू में और कौन सी खास बातें कीं।
गब्बर इज बैक एक बहुत ही अहम मुद्दे पर आधारित है। ये फिल्म करने के पीछे क्या सोच थी?
मैंने आज तक ऐसा कोई शख्स नहीं देखा जो कि भ्रष्टाचार से रुबरु ना हुआ है। कोई बहुत कम ही आदर्शवादी ऐसा होगा जिसने किसी को घूस ना दी हो। लेकिन मजबूरी ये है कि बिना घूस के कुछ भी काम नहीं होता। पासपोर्ट बनाने जाओ, आधार कार्ड बनवाओ कुछ भी करना हो घूस के बिना काम जल्दी नहीं होता। आज जिदंगी इतनी तेज हो गयी है कि किसी के पास वक्त ही नहीं है कि कौन पुलिस स्टेशन जाए पेपर्स बनवाए। पैसे दो और काम हो जाएगा। यही असली जिदंगी है। गब्बर इन मुश्किलों से नहीं जूझताष वो बड़े लेवल अरबो रुपये के भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा करता है। 2011 से 2015 तक भारत ने 2.2 ट्रिलियन डॉलर का स्कैम किया है। अगर हमारे पास ये पैसे होते तो हमें सालों तक टैक्स नहीं देना पड़ता। किसी बड़े आदमी को टारगेट करोगे तो नीचे वाले अपने आप डरेंगे। इसलिए हमने इतने बड़े लेवल के भ्रष्टाचार को लिया है।
बेबी अभी तक साल 2015 की सबसे बेहतरीन फिल्म मानी गयी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की। क्या गब्बर इज बैक उसके रिकॉर्ड को तोड़ेगी?
मैं फिल्में नहीं करता क्योंकि मुझे कोई रिकॉर्ड तोड़ना है। मैं उन विषयों पर आधारित फिल्में करता हूं जो कि हमारे समाज के लिए आज के समय में बेहद जरुरी हैं। चाहे वो बेबी हो, हॉलीडे हो, ओह माई गॉड हो या फिर गब्बर। मैंने अपने जीवन में अभी तक बहुत सारी कमाई की है और साथ ही सारे टैक्स भी भरे हैं। अब मैं कुछ ऐसा करना चाहता हूं जिसका कुछ मतलब हो। धर्म को लेकर मेरे विचार बहुत अलग हैं।
गब्बर के किरदार में खुद को ढालने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी?
मैं ऐसा एक्टर नहीं हूं जो कि किसी किरदार को लेकर पागल हो जाता है और किरदार में इतना घुस जाता है कि बाहर निकलना मुश्किल होता है। अगर जरुरत है तो मैं अपने किरदार को लिए वो सबकुछ करता हूं जो जरुरी होता है। दाढ़ी बढ़ाना, वजन बढ़ाना या घटाना। लेकिन मैं बाकी एक्टरों की तरह किरदार को लेकर पागल नहीं हो जाता।
आपने कई गंभीर मुद्दों पर आधारित फिल्में की हैं। साथ ही कॉमेडी जोनर में भी अपना परचम लहराया है। कभी डर नहीं लगता रिस्क लेने से?
मुझे रिस्क लेना बहुत पसंद है। मैंने हमेशा ही अपने स्टंट खुद किये हैं तो रिस्क लेना तो मेरी आदत में शुमार है। ये मजेदार है कि कुछ अलग करो। दो साल हो गये कि मैं सिर्फ ऐसी ही फिल्में कर रहा हूं। मैं कभी नहीं सोचता कि क्या होगा। अब मैं दिल से चाहता हूं कि हाउसफुल 3 करुं। बहुत तंग हो चुका है। सितंबर में हाउसफुल 3 की शूटिंग शुरु करुंगा। बहुत वक्त हो गया हंसे ही नहीं। केले के छिलके पर फिर से गिरना चाहता हूं। अब मैं बस ये सीरियस सिनेमा बंद करना चाहता हूं।
कॉमेडी किरदारों में दर्शकों ने आपको बहुत पसंद किया है। लेकिन इन फिल्मों के लिए आपको अवॉर्ड फंक्शन्स में नहीं सम्मानित किया जाता। कुछ कहना चाहेंगे इस बारे में?
कॉमेडी के लिए कभी अवॉर्ड फंक्शन में तारीफे नहीं मिलती। मुझे बुरा नहीं लगता लेकिन ये बहुत फनी चीज है कि रोमांटिक फिल्में करने वालों को बेस्ट एक्टर मिलता है। लेकिन जो आदमी कॉमेडी करता है उसे कभी अवॉर्ड नहीं मिलता। क्या वो एक्टिंग नहीं करता। रोमांस को कॉमेडी से ऊपर रखा जाता है जो कि गलत है। अवॉर्ड के लिए बेस्ट इस बेसिस पर चुनना चाहिए कि किसने कितनी मेहनत की है।
क्या हेराफेरी 3 को आप मिस कर रहे हैं?
मैं हेराफेरी 3 को जरुर मिस कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि वो बहुत ही बेहतरीन फिल्म लेकर आएंगे।
एक बार फिर से करीना कपूर को आपने गब्बर इज बैक में आइटम सॉंग दिया है। क्यों? साथ ही श्रुति के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मैं किसी को जाकर आइटम सॉंग नहीं देता। ये निर्माता, निर्देशक का काम है। श्रुति हासन के साथ काम करने का अनुभव बेहतरीन रहा। वो बहुत ही खूबसूरत सिंगर भी हैं। वो इतना अच्छा गाती हैं कि मुझे भी उनसे जलन होती है।
अक्सर खबरें आतीं हैं कि खानों से आप बेहतर हैं या खान आपसे ज्यादा सफल हैं। इन खबरों को कैसे लेते हैं आप?
इन खबरों को ऐसे लेता हूं कि ये बेकार की चीजे हैं। ऐसा नहीं है कि वो मुझसे बेहतर हैं या मैं उनसे बेहतर हूं। हम एक ही इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और एक दूसरे के साथ हैं। मैं चाहता हूं कि हमारी इंडस्ट्री ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाए, सभी की फिल्में अच्छी कमाई करें। ताकि हम हॉलीवुड के लेवल की फिल्में बना सकें।
सही और गलत की परिभाषा के बारे में आपका क्या कहना है?
मैं सुभाषचंद्र बोस का बहुत बड़ा फैन हूं। मैं उनके आदर्शों का फॉलोवर हूं। मेरे पिता भी आर्मी में थे और इस वजह से मैं सही और गलत को हमेशा सोचकर ही कुछ करता हूं। मैंन कई देशों में देखा है वहां पर क्राइम बहुत कम है। मैं चाहता हूं कि हमारा देश भी क्राइम के मामले में इतना ही पीछे रहे। उसके लिए मुझे यही एक जरिया मिला।