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आयुष्मान खुराना, सान्या मल्होत्रा और नीना गुप्ता स्टारर बधाई हो रिलीज़ हो चुकी है और उम्मीद के मुताबिक फिल्म लोगों को बेहद पसंद आ रही है। जहां एक तरफ, आयुष्मान खुराना की कॉमिक टाईमिंग शानदार है वहीं फिल्म का निर्देशन से लेकर कास्टिंग तक हर पहलू बेहतरीन है और इसे पूरे मन से परदे पर उतारा गया।
अमित शर्मा ने फिल्म को लेकर पूरा ध्यान दिया है और यही कारण है कि पूरी फिल्म के दौरान दर्शक पूरी तरह से इंटरटेन होते दिखाई दे रहे हैं। डायलॉग्स पर तालियां, सीटियां और ठहाके एक साथ दिखाई और सुनाई दे रहे हैं। हालांकि बीच में कहीं कहीं फिल्म एक ज़रूरी मुद्दा उठाती है और दर्शक थोड़े से असहज होते हैं।
लेकिन फिल्म कहीं भी दर्शकों का कनेक्शन नहीं टूटने देती और आखिरकार आयुष्मान खुराना उनका रोज़ का हीरो बन चुका है। यानि कि अपना लड़का। दर्शक जिस स्तर पर आयुष्मान से कनेक्ट करते दिख रहे हैं वो काबिले तारीफ है। कुल मिलाकर हर चेहरा फिल्म के दौरान हंसता खिलखिलाता ही दिखाई दिया है। ऐसे में ये तो तय है कि फिल्म दर्शकों को बेहद पसंद आई है और इसे पूरे नंबर दिए जाएंगे। बधाई हो, बॉलीवुड की एक और शानदार सिचुएशन कॉमेडी है। आपको याद दिलाते हैं ऐसी कुछ बेहतरीन फिल्में - पिछले साल की बेस्ट सिचुएशनल कॉमेडी थी शुभ मंगल सावधान। फिल्म में आयुष्मान पुरूषों की सेक्स संबंधी समस्या से पीड़ित एक आम लड़के की भूमिका में थे जो शादी के पहले थोड़ा सा नर्वस हो जाता है। अमोल पालेकर की इस फिल्म में अमोल अपने ही बॉस की लड़की से प्यार करने लगते हैं और बॉस का दिल जीतने के लिए दो अलग लड़के होने की एक्टिंग करते हैं - राम और श्याम, दो जुड़वा भाई। धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर की इस फिल्म में धर्मेंद्र अपनी बीवी के जीजा प्रेम से उकता कर अपने ससुराल में ड्राईवर बनकर पहुंच जाते हैं और जीजा को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। फिल्म में आयुष्मान खुराना एक स्पर्म डोनर बने हैं और उनका ये खास प्रोफेशन ही फिल्म में काफी हास्यास्पद स्थितियां पैदा करता है। फिल्म एक टपोरी के डॉक्टर बनने की कहानी थी वो भी केवल इसलिए कि एक अस्पताल का डॉक्टर टपोरी के बाप को टपोरी का बाप कह देता है। फिल्म संजय दत्त के करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक है। फिल्म एक घर के लिए परेशान मिडिल क्लास दंपति की कहानी है। लेकिन इस परेशानी में भी कितनी हास्यासपद बातें हो सकती हैं, इससे फिल्म में जान आती है। कमल हासन और तबू फिल्म में एक प्रेमी जोड़ा होते हैं जिनके साथ शादी के बाद दिक्कतें होना शुरू हो जाती है। अपनी बीवी को मायके से मना कर लाने के लिए कमल हासन एक काम वाली बाई बन जाते हैं। फिल्म सात भाईयों की कहानी है जिनमें से सबसे बड़ा भाई जब घर में बीवी लेकर आता है तो सबकी ज़िंदगी में उथल पुथल हो जाती है। अमृता सिंह इस फिल्म में एक स्कूल में पढ़ने वाली लड़की होती हैं जिसे गली के नुक्कड़ पर रहने वाले पहलवान से प्यार हो जाता है। फिर दोनों भागकर शादी करते हैं और इन सब के बीच फिल्म में काफी कॉमेडी हो जाती है। फिल्म एक ढाबे वाले और होटल वाले की बिज़नेस की लड़ाई होती है जो तब मज़ेदार हो जाती है जब होटल वाले की लड़की, ढाबे वाले से प्यार करने लग जाती है। {document1}
[6 साल में 10 फिल्में - आयुष्मान की शानदार रिपोर्ट]