कहानी की बैंड: विक्की डोनर, सेंसर बोर्ड ऐसा होता तो SPERM बोलना भी...गंदी बात!


[तृषा गौड़] आजकल बॉलीवुड में केवल दो ही चीज़ों पर बहस छिड़ी है। एक तो ये कि फिल्मों में क्या और कितना गंदी बात है और दूसरा ये कि फिल्मों में क्या और कितना गंदी बात है Sealed नहीं समझे? जब से ये नया सेंसर बोर्ड आया है तब से इंटरटेनमेंट को तमाशा बना कर रख दिया है। ये बात CHHEEEE गंदी बात। वो बात HAWWWW गंदी बात।

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अब AIB के तमाशे को ही ले लीजिए। वो चुटकुले जो अमूमन (हमेशा) चार दोस्त टल्ली होकर एक दूसरे पर मारते हैं वही जोक्स खुले आम 4000 दोस्तों के सामने मार दिए गए। चेतावनी भी दे गई कि ये भद्दा है, फूहड़ है। अब इससे ज़्यादा शरीफ कोई क्या होगा भला कि गंदी बातें भी बता कर करे। खैर...इस बहस में नहीं पड़ते हैं।

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लेकिन सेंसर बोर्ड के इस बचकाने बर्ताव ने हमें अचानक ही याद दिला दी एक HAWWWWWW वाली फिल्म की। विक्की डोनर। जहां एक लड़के SPERM DONATION यानि (छी वाला गंदा काम) करता था। सोच के ही हमारा मनोरंजन हो गया कि ये वाला सेंसर बोर्ड इस 'गंदी वाली फिल्म' का क्या हाल करता। और फिल्म के याद आते ही हमें याद आए कुछ मज़ेदार ट्विस्ट जो अगर फिल्म में होते तो बज जाती कहानी की बैंड!

आयुष्मान होते GAY

ज़रा सोचिए कि आयुष्मान अगर फिल्म में गे होते। ऐसे में फिल्म की कहानी ही कुछ और होती। शायद वो अन्नू कपूर के हर क्लाइंट पर डोरे डालते। एक GAY ब्लैकमेलर की कहानी काफी कॉमेडी होती पर फिर बिना स्पर्म डोनर के टॉपिक के बज जाती कहानी की बैंड।

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किसी को नहीं पता चलती 'गंदी बात'

मम्मी के लिए तो बहुत बड़ी बात थी कि आयुष्मान एक स्पर्म डोनर और उन्हें भी झिझक थी। लेकिन अगर किसी को नहीं पता चलता तो स्पर्म डोनेट करने में विक्की कोई रिकॉर्ड होल्डर होता और बिना किसी मसाले के बज जाती कहानी की बैंड।

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प्रोफेशन होता SPERM DONATION

ज़रा सोचिए कि भारत में अगर स्पर्म डोनेशन एक कानूनी मान्यता प्राप्त पेशा होता तो लोगों को इस के बारे में सब कुछ पता होता। पूरी कहानी बिल्कुल फीकी और नॉर्मल होती और बज जाती कहानी की बैंड।

सारे बच्चे मांगने आ जाते हक

सोचिए विक्की के सारे बच्चे अपने असली बाप से अपना हक मांगने आ जाते तो एक भिखारी स्पर्म डोनर की कहानी काफी ज़्यादा मज़ेदार होती। भिखारी डोनर पक्का नहीं बजने देता कहानी की बैंड!

ऐसे होता ही नहीं है SPERM DONATION

अगर वाकई फिल्म को रिसर्च कर के बनाया जाता तो विक्की डोनर में कोई कॉमेडी होने की गुंजाइश। दरअसल फिल्म में मुद्दा उठाया गया पर उसकी हकीकत नहीं दिखाई गई। स्पर्म डोनेशन के लिए बहुत सारी मेडिकल फॉरमैलिटीज़ होती है और उसमें डोनर की पहचान कभी नहीं बताई जाती। उफ्फ्फ पक्का बज जाती कहानी की बैंड!

सेंसर नहीं करने देता ऐसी 'गंदी बात'

ये वाला बोनस है क्योंकि सारा मुद्दा ही यहीं से शुरू हुआ। हमारा सेंसर ये जो तथाकथित फिल्म स्वच्छता अभियान चला रहा हैं जहां सेक्स पर चुटकुले जिन्हें हम नॉर्मल लोग नॉन वेज जोक्स कह कर SHHHHH धीमे धीमे सुनते हैं, ये भी मना हैं (AIB याद है ना) ऐसे में SPERM बोला गया इस पिक्चर में....AILLLLLA इतना गंदी बात...hawwww बैन करो...केस करो...सेंसर की बैंड!!!

English Summary

Owing to all the stupid lists Sensor Board is revealing we just gave a thought that if Censor Board would have banned the word SPERM DONOR due to moral reasons. Defifnitely Kahani ki Band!