अक्षय कुमार की ताजा रिलीज फिल्म 'रूस्तम' सफल हो चुकी है। टीनू सुरेश देसाई के निर्देशन में बनी इस फिल्म को समीक्षकों से कुछ खास प्यार नहीं मिला। बॉक्स ऑफिस पर तो फिल्म ने धमाल ही कर दिया। और हमें पूरी उम्मीद है कि आपने अब तक फिल्म देख भी ली होगी।
खैर, 'रूस्तम' एक ऐसी फिल्म है, जिसमें यदि अक्षय कुमार न होते तो शायद कोई भी एक्टर इस फिल्म को नहीं बचा सकता था। काफी ढ़ीली स्क्रिप्ट को अक्षय ने अपने ताबड़तोड़ एक्टिंग से इतना शानदार कर दिया है कि दर्शकों को सिर्फ अक्षय और अक्षय से ही मतलब रह गया है।
कोई भी चीज परफेक्ट नहीं होती, उसी तरह रूस्तम में भी आपको एक नहीं, बल्कि कई कमजोरियां दिखेंगी। क्योंकि फिल्म में अक्षय कुमार हैं इसलिए एक बार तो यह फिल्म जाकर जरूर देंखे, लेकिन फिर भी फिल्म में कई ऐसी चीज़ें हैं जहां निर्देशक ने लॉजिक बिल्कुल कहीं पीछे छोड़ दिया है। यहां पढ़िए कि रूस्तम की कौन सी सीन देखकर आप कहेंगे- ये सीन कुछ हजम नहीं हुआ! भाई की मौत पर भी रोना नहीं फिल्म में यदि कोई एक किरदार है, जिसके चेहरे पर आपको कोई हावभाव नहीं दिखेगा.. वह हैं ईशा गुप्ता.. यहां तक की अपने भाई की मौत पर भी ईशा बिना कोई एक्सप्रेशन के खड़े रहती हैं। क्लाईमैक्स सीन फिल्म के क्लाईमैक्स में अक्षय कुमार और इलियाना डिक्रूज कोर्ट से बाहर निकलते रहते हैं। दोनों बेहद नॉर्मल से दिखते हैं..जबकि कुछ देर पहले ही उनकी जिदगीं में भूचाल आया हुआ था। कोर्ट में सिर्फ मजाक मस्ती जिस पार्ट को फिल्म का सबसे मजबूत हिस्सा होना चाहिए था। उस हिस्से को निर्देशक ने किसी कॉमेडी फिल्म से कम नहीं छोड़ा। कोर्ट सीन के शायद ही कभी आप गंभीर रह पाए हों.. काफी चांस है कि आपके सिर में दर्द उठ जाए। क्या यह 1959 है! फिल्म 1959 की कहानी कहती है। जबकि फिल्म के कॉस्ट्यूम से लेकर फिल्म का सेट कहीं से भी आपको उस समय की याद नहीं दिलाएगा। दुख पहुंचाना है तो किसी और के साथ बना लो रिश्ता फिल्म में इलियाना डिक्रूज सिर्फ अपने पति को दुख पहुंचाने के लिए किसी और के साथ रिश्ता बना लेती हैं। जी हां, यह उन्होंने खुद फिल्म में बोला है.. मतलब हद ही हो गई.. गोली क्यों मारी! भले ही फिल्म के अंत में अक्षय कुमार को हीरो बना दिया गया हो.. लेकिन सच तो यह है कि किसी को जान से मारने की सज़ा तो मिलनी ही चाहिए। यदि कोई भ्रष्ट है तो उसे गोली मार दो.. यह कहां का इंसाफ है!