twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    REVIEW: रूस्तम, खिलाड़ी नहीं...यहां पूरा का पूरा खेल ही बस अक्षय कुमार हैं!

    |

    Rating:
    2.0/5
    Star Cast: अक्षय कुमार, इलियाना डी क्रूज, अर्जन बाजवा, ईशा गुप्ता, पवन मल्होत्रा
    Director: टीनू सुरेश देसाई

    फिल्म - रूस्तम

    WARNING:

    • अगर आप अक्षय कुमार फैन है, तो यहीं से लौट जाइए!
    • ये फिल्म अक्षय कुमार की हाउसफुल 3 से ज़्यादा मज़ेदार है, क्योंकि क्या हो रहा है किसी को कुछ नहीं पता।
    • इस फिल्म में एक दर्जन बेहतरीन सीनियर एक्टर हैं, लेकिन किसी के पास कोई रोल नहीं है।
    • फिल्म में खिचड़ी वाले दादाजी भी हैं, और हर सीन में लगेगा कि वो प्रफुल या हंसा को बुलाने वाले हैं!
    • फिल्म में एक छोटा सा बच्चा है नमन जैन उसकी परफॉर्मेंस मिस मत करिएगा!

    दाग़ अच्छे हैं वाले एड में जितने सफेद कपड़े चमकते हैं, उतना ही तेज़ अक्षय कुमार इस फिल्म में अपनी सफेद वर्दी के साथ चमक रहे हैं।लेकिन ज़्यादा चमक से आंखे बंद करनी पड़ती हैं, रूस्तम के साथ यही होता है।

    फिल्म का प्लॉट शानदार है - एक नेवी ऑफिसर पति, उसकी बेवफा पत्नी और पत्नी का आशिक। पूरा फैमिली ड्रामा, इंटेंस रोमांस के साथ। फिर एक गोली उस आशिक के सीने में उतारने के बाद वो पति देश का हीरो बन जाता है। क्यों, कैसे, किसलिए यही फिल्म का रोमांच है।

    Rustom film review

    कहानी आपको पहले हाफ में बखूबी बांधती है। पत्नी के आंसू और उसकी बेवफाई की दास्तान आपको दिलचस्प लगती है और आप कहानी के साथ आगे बढ़ते हैं। लेकिन बस आगे बढ़ते ही अगले मोड़ पर कहानी मुड़ेगी और सब कुछ फीका हो जाएगा।

    फिल्म का सस्पेंस ही आपको निराश कर देगा। वो सस्पेंस जिसे आपको बांधे रखना चाहिए था। सस्पेंस कुछ भी हो सकता था, लेकिन जिस तरह से फिल्म की कलई खुलेगी और अक्षय कुमार, बेबी, स्पेशल 26, हॉलीडे, एयरलिफ्ट के बाद एक बार फिर हीरो बनेंगे, आप बोर हो जाएंगे। इस हीरो बनने और बनाने की प्रक्रिया से।

    Rustom film review

    आपको खीझ आएगी देशभक्ति के उस लिबास से जिसे अक्षय ने अपने नाप का सिलवा लिया है और हर साल ओढ़ते हैं। इस साल दिक्कत ये है कि ये लिबास उन्होंने साल में दूसरी बार ओढ़ लिया है और ये आपके लिए बदहज़मी पैदा करेगा।

    प्लॉट
    फिल्म की कहानी सीधे सीधे 1959 के मशहूर नानावटी केस पर बनी है। रूस्तम पावरी एक नेवी ऑफिसर है जो अपने मिशन से घर लौटता है पर अपनी बीवी को बेवफा पाता है। इसके बाद वो नेवी बेस से एक लाइसेंस पिस्तौल लेता है और उस आशिक़ विक्रम मखीजा (अर्जन बाजवा) के सीने में उतार देता है। लेकिन देश उसे खूनी मानता है पर दोषी नहीं। क्यों, यही रूस्तम का सस्पेंस है।

    Rustom film review

    अभिनय
    फिल्म में हर किसी ने अपना काम बखूबी किया है। अक्षय कुमार हर फिल्म के साथ और बेहतर होते हैं, ये फिल्म भी इस बात से ताल्लुक रखती है। ईशा गुप्ता के हिस्से ज़्यादा कुछ आया नहीं है लेकिन जो है, उसमें वो प्रभाव नहीं छोड़ पाती। उनका किरदार मृतक की बहन का है, पर उनसे सहानुभूति किसी को नहीं होती। इलियाना डीक्रूज़ सुंदर लगी हैं लेकिन उनके आंसू आपको पिघला नहीं पाएंगे। सचिन खेड़ेकर जैसे एक्टर को फिल्म में वेस्ट किया गया है।

    Rustom film review

    डायरेक्शन
    टीनू सुरेश देसाई ने इससे पहले अज़हर डायरेक्ट की है और जिस तरह उन्होंने इमरान हाशमी के टैलेंट को बर्बाद किया था, उससे थोड़ा इतर वो रूस्तम के साथ थोड़ा इंसाफ करते दिखाई देते हैं। लेकिन जैसे जैसे फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है और सस्पेंस में बांधने की कोशिश करती है, फिल्म हाथ से उतनी ही ढीली होती जाती है।

    Rustom film review

    तकनीकी पक्ष
    फिल्म के डायलॉग्स बेहतरीन हो सकते हैं। लेकिन सेकंड हाफ में जिन कोर्ट सीन में शानदार संवाद की संभावना थी, उन्हें बिल्कुल ढीला छोड़ दिया गया। अक्षय कुमार और सचिन खेड़ेकर के बीच की बहस फिल्म का सबसे शानदार पॉइंट होना चाहिए था, लेकिन यही फिल्म का सबसे हल्का पक्ष है। वहीं फिल्म की एडिटिंग में भी संभावनाएं और थीं। गानों को छोटा किया जा सकता था, उनसे फिल्म काफी भटकती हुई नज़र आती है।

    Rustom film review

    मज़बूत पक्ष
    फिल्म का सबसे मज़बूत पक्ष हैं अक्षय कुमार। हर सीन में वो बेहतरीन लगे हैं। हालांकि फिल्म में उनके रोमांटिक सीन ज़्यादा प्रभावित नहीं करते हैं और कहानी को थोड़ा बोझिल बनाते हैं लेकिन अक्षय कुमार बहुत ही मज़बूती से बाकी की फिल्म बांधने की कोशिश करते हैं और सफल भी हुए हैं।

    naman jain rustom

    वहीं फिल्म में एक छोटा सा बच्चा है जो पेपर बेचता है। जिस अंदाज़ से वो पेपर बेचता वो फिल्म का शायद बेस्ट पार्ट। उसके हर डायलॉग पर आप तालियां मारेंगे। इस किरदार को निभाया है नमन जैन ने, जो आपको रांझणा, चिल्लर पार्टी और बॉम्बे टॉकीज़ जैसी फिल्म में दिख चुके हैं।

    Rustom film review

    निगेटिव पक्ष
    फिल्म का सबसे ज़बर्दस्त हिस्सा था इसका प्लॉट। एक पत्नी की बेवफाई और एक पति का नज़रिया। लेकिन कुछ अजीब से ट्विस्ट डालकर, फिल्म को देशभक्ति के रंग में रंगने की कोशिश कर दी गई और अक्षय कुमार को देश का हीरो बनाने के सफर में फिल्म का वो हिस्सा छूट गया, जहां एक पति का संघर्ष होना चाहिए - पत्नी को माफ करने का उसका फैसला, सब कुछ ठीक करने का कदम, गुस्सा, झुंझलाहट, सब कुछ फिल्म में होते हुए फिल्म के दूसरे भाग की वजह से फीका रह जाता है।

    कुछ किरदारों और सवालों को बीच में ही छोड़ दिया गया है। पूरी फिल्म में जिस तरह ईशा गुप्ता अपनी मौजूदगी दर्ज करवाती हैं, ऐसा लगता है कि वो फिल्म का अहम हिस्सा होंगी। लेकिन पूरी फिल्म में उनकी कोई कहानी ही नहीं थी। फिल्म के कॉस्ट्यूम इतने ज़्यादा खूबसूरत हैं कि किरदारों की सिचुएशन पर जंचते ही नहीं। वहीं इलियाना डीक्रूज़ का पिंक मेकअप आपको इरिटेट करेगा।

    rustom film review

    फिल्म का सबसे खराब हिस्सा है इसके कोर्ट सीन, जो फिल्म का पूरा दूसरा हाफ है। एक मर्डर केस, जिसने देश को हिला दिया था, उसकी बहस इतनी बचकानी है कि आपको लगेगा कि चल क्या रहा है। अनंग देसाई फिल्म में जज बने हैं लेकिन वो अपने खिचड़ी के दादाजी वाले रोल से बाहर ही नहीं आ पाए हैं और हर सीन में लगता है कि अभी ये कह देंगे - हंसाSSSS

    Rustom film review

    देखें या नहीं
    रूस्तम एक ढीली फिल्म है जिसका सस्पेंस आधे घंटे में कोई भी हल कर सकता है। थ्रिलर जैसा इस फिल्म में कुछ भी नहीं है। अगर आप ये पूछते हैं कि क्या इस साल की बेस्ट फिल्म हो सकती है, या फिर क्या ये अक्षय का बेस्ट काम है तो उसका सीधा और सपाट जवाब है - नहीं!

    Rustom film review

    English summary
    Rustom Film review Akshay Kumar, Ileana D cruz, Esha Gupta.
    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X