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    Review: हंसाते हुए रूला देती है 'इक्कीस तोपों की सलामी'

    |

    Rating:
    3.0/5

    फिल्म: 'इक्कीस तोपों की सलामी'
    प्रमुख कलाकार: अनुपम खेर, नेहा धूपिया और दिव्येंदु शर्मा।
    निर्देशक: रवींद्र गौतम
    संगीतकार: राम संपत

    समीक्षा: आजकल जिस तरह की फिल्में बन रही हैं, उस हिसाब से लगता है कि आज लोगों के बीच में मनोरंजन का हिस्सा केवल फूहड़ता, एडल्ट कॉमेडी और बिन सिर-पैर वाली कहानियां ही हैं। लोगों के सामने जिस तरह का हास्य परोसा जाता है उसे देखकर लगता है जैसे कि आज-कल के फिल्मकार व्यंग कसना और हेल्दी कॉमेडी को भूल चुके हैं तो ऐसे लोगों के गाल पर तमाचा है निर्देशक रवींद्र गौतम की फिल्म 'इक्कीस तोपों की सलामी'।

    जो छोटी सी फिल्म के जरिये दमदार और दिल को छू लेने वाला संदेश लोगों को देती है। कहना गलत ना होगा कि निर्देशक रवींद्र गौतम ने बेहतरीन फिल्म 'इक्कीस तोपों की सलामी' बनायी है। फिल्म को कॉमेडी की चाशनी में बड़े ही रोचक ढंग से परोसा गया है। जिसे परोसने का काम किया है मशहूर दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने। अनुपम खेर ने अपने सशक्त अभिनय से फिल्म में जान डाल दी है। एक ईमानदार और सिंद्धांत प्रिय लेकिन गरीब इंसान की क्या अहमियत है भ्रष्टाचारी समाज और परिवार में इसका चित्रण बखूबी अनुपम खेर ने किया है।

    Pics: 'इक्कीस तोपों की सलामी'

    उनके दोनों नालायक बेटों का किरदार दिव्येंदु शर्मा और मनु ऋषि ने भी बढ़िया निभाया है, तो वहीं नेहा धूपिया और अदिति शर्मा को जितना रोल दिया गया है, उसमें वो अपनी छाप छोड़ती हैं। कुल मिलाकर फिल्म काफी अच्छी हैं जिन्हें सार्थक सिनेमा देखने वाले जरूर पसंद करेंगे। फिल्म का प्रमोशन अगर अच्छे ढंग से किया गया होता तो निश्चित तौर पर फिल्म बॉक्सऑफिस पर कमाल कर सकती थी।

    फिल्म का संगीत यूं तो याद नहीं रहता है लेकिन फिल्म की कहानी के हिसाब से चलता है। फिल्म में इमोशंस हावी है जिसके तहत आप कुछ सींस देखकर मुस्कुरायेंगे तो कुछ सींस आपकी आंखों को नम भी कर जायेगी। फिल्म एक अच्छे संदेश के साथ साफ-सुथरे ढंग से सामने आयी है इसलिए मेरी ओर से फिल्म को तीन स्टार।

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    कहानी: फिल्म शुरू होती है ईमानदार नगर निगम कर्मचारी पुरुषोत्तम नारायण जोशी के संघर्ष से जो मच्छरों को मारने वाली दवा के छिड़काव का काम करता है। उसके उसूल और ईमानदारी ही उसकी संपत्ति है। उनके पास पैसा नहीं है इसलिए उनके बेटे और समाज दोनों जगह उनका कसकर मजाक उड़ता है। उनके दोनों बेटे स्वार्थी हैं और पैसे कमाने के चक्कर में गलत काम करने से भी नहीं चुकते हैं लेकिन अचानक से पुरुषोत्तम नारायण जोशी के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है जो कि उनकी ईमानदारी बर्दाश्त नहीं कर पाती है और इसके कारण वो मौत के शिकार हो जाते हैं।

    उनकी मौत से उनके दोनों बेटों को अपनी गलतियों का एहसास होता है और अपने पापा के सिर पर बेईमानी का दाग धोने के लिए वो दोनों उन्हें 'इक्कीस तोपों की सलामी' दिलाने का कसम खाते हैं। क्या होता है पुरुषोत्तम नारायण जोशी के पार्थव शरीर का, उसे 'इक्कीस तोपों की सलामी' मिलती है कि नहीं और मिलेगी तो कैसे मिलेगी, यह सब जानने के लिए आपको नजदीक के सिनेमाघरों में फिल्म देखनी होगी 'इक्कीस तोपों की सलामी' ।

    आईये नजर डालते हैं 'इक्कीस तोपों की सलामी' की तस्वीरों पर...

    English summary
    Ekkees Toppon Ki Salaami is directed by Ravindra Gautam is a Heart Touching, Beautiful Film.
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