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    फ़िल्म इंडस्ट्री क्यों छोड़ना चाहती थीं विद्या बालन

    डर्टी पिक्चर और कहानी जैसी फ़िल्में देने वाली विद्या बालन से ख़ास बातचीत।

    By हिना कुमावत - मुंबई से बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए
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    दमदार अभिनय से अपनी पहचान बनाने वाली विद्या बालन के लिए हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री में एक ऐसा भी समय आया जब वो इस इंडस्ट्री को छोड़ देना चाहती थीं.

    एक ख़ास इंटरव्यू में विद्या ने बताया, '' फिल्म 'हे बेबी' और 'किस्मत कनेक्शन' के समय मेरे वजन और मेरे पहनावे को लेकर मेरी आलोचना की गई. मैं सोच मे पड़ गई कि क्या कुछ समय तक मेरी जो तारीफें हुई वो केवल एक इत्तेफाक तो नहीं था. उस दौरान दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री में भी मेरी काफी आलोचना हो रही थी.''

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    विद्या कहती हैं, ''मुझे लगने लगा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि मैं इस इंडस्ट्री के लायक ही नहीं हूं. मैनें जल्द ही महसूस किया कि मुझे मजबूत होना होगा और बाहर निकलना होगा.''

    फ़िल्म 'पा', 'डर्टी पिक्चर' या फिर सुजॉय घोष की फिल्म 'कहानी' जैसी फ़िल्मों की विद्या बालन के बिना कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

    अपने करियर की शुरुआत में 'परिनीता' और 'मुन्ना भाई...' जैसी फ़िल्मों के लिए विद्या की काफी तारीफ हुई थी.

    आज किसी भी महिला प्रधान फ़िल्म के लिए विद्या हर निर्देशक की पहली पसंद हैं. इस मुकाम तक पहुँचना इस अदाकारा के लिए आसान नहीं था. तमाम तरह की आलोचनाओं के बाद भी अगर आज वो इस मुकाम पर हैं तो इसका श्रेय वो अपनी जिद को देती हैं.

    विद्या कहती हैं, ''मैं ढीठ हूँ. मैं इतनी आलोचनाओं के बाद भी नहीं बदली शायद इसलिए मैं विद्या बालन हूँ.''

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    विद्या इस दिनों अपनी आने वाली फ़िल्म 'बेगम जान' के प्रमोशन में व्यस्त हैं. अपने किरदारों की ही तरह असली ज़िन्दगी में अपने दमदार व्यक्तित्व के लिए पहचान बनाने वाली विद्या की हाल ही में लगातार कई फ़िल्में फ्लॉप हुई हैं.

    नाकामयाबी का स्वाद अपने करियर में पहले भी चख चुकी विद्या का मानना है कि उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में घटी कई घटनाओं से सीख ली है.

    पीछे छोड़ी नाकामयाबी

    वो कहती हैं कि वो इस दिन को आज भी नहीं भूल पाती हैं जब आमिर ख़ान की वजह से उनके अहंकार को चोट पहुँची थी.

    विद्या बताती हैं, ''आमिर ख़ान की वजह से मुझे एक बार धक्का लगा. मैं एक शोक सभा में गई थी. वहाँ इंडस्ट्री से केवल मैं ही मौज़ूद थी. मीडिया से आए लोग मेरी तस्वीरें खींच रहे थे. लेकिन जैसे ही आमिर ख़ान आए सारी मीडिया मुझे धक्का देकर आमिर की तरफ चली गई. इससे मेरे दिल को बहुत धक्का लगा. आमिर की जगह कोई और भी हो सकता था. लेकिन मैं समझ गई कि जो आपसे ज्यादा कामयाब है लोग उसके पीछे दौ़ड़ेंगे. मुझे उस समय खराब ज़रूर लगा था लेकिन आज मैं इन चीजों की तरफ गौर नहीं करती.''

    असल ज़िन्दगी में अपनी कमजोरियों और नाकामयाबी को पीछे छोड़ सफलता की मंजिल तक पहुंचने वाली विद्या मानती है कि शायद इसी वजह से उन्हें परदे पर भी ऐसे ही किरदार करना पसंद है, जो अपनी कमजोरियों पर कामयाबी हासिल कर सके क्योकि ऐसे किरदारों से वो ख़ुद को जोड़ पाती हैं.

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    BBC Hindi
    English summary
    When actress Vidya Balan thought to quit film industry.
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