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    फिल्मों का बोल्ड विषय थी इंदिरा गांधी, कांग्रेस ने डर कर बैन की थी चार फिल्में

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    सत्ता में आने से लेकर हत्या तक इंदिरा गांधी की कहानी काफी विवादास्पद रही है। फिल्मों ने भी या तो उनकी ज़िंदगी से प्रेरणा लेकर परदे पर राजनीति का चरम दिखाने की कोशिश की या फिर एक महिला किरदार को सत्ता का सिंहासन सौंप कर कहीं न कहीं उनकी छवि पेश की। हालांकि कुछ फिल्मों ने तो सीधे सीधे उन्हें ही परदे पर उतारने की कोशिश की।


    आंधी
    आंधी के विवाद और इंदिरा गांधी के डर ने यह साबित कर दिया था कि इस फिल्म ने उन्हें बहुत कुछ याद दिलाया है। वहीं 1975 की इमरजेंसी के वक्त उन्होंने पूरी तरह से फिल्म को बैन कर दिया था। उन्हें डर था कि यह फिल्म ऐसा बहुत कुछ खोल जाएगी जो उनके हित में कतई नहीं होगा। फिल्म के कुछ पोस्टरों में तो यहां तक छपा था कि अपने प्रधानमंत्री की असली कहानी परदे पर देखिए। इंदिरा ने तो अपने स्टाफ को यह फिल्म देखकर यह डिसाइड करने का ऑर्डर दिया था कि फिल्म रिलीज़ होनी चाहिए या नहीं। हालांकि उन्होंने खुद यह फिल्म कभी नहीं देखी। इसके बाद 1975 की इमरजेंसी में इंदिरा ने फिल्म बैन कर दी। बाद में जनता पार्टी की सरकार आने के बाद यह बैन हटाया गया।

    किस्सा कु्र्सी का
    इस फिल्म के रिलीज़ होने से पहले ही बहुत कंट्रोवर्सी बटोरी। फिल्म में संजय गांधी और इंदिरा गांधी का खूब मज़ाक उड़ाया गया। इतना ही नहीं फिल्म ने उनपर करारे व्यंग्य कसे थे। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को पास नहीं किया था और फिल्म 1975 की इमरजेंसी के कारण लटका दी गई। बाद में सेंसर बोर्ड ने इसे केंद्र सरकार के हवाले कर दिया। केंद्र ने फिल्म पर 51 आपत्तियां जताई थीं।
    फिल्म में शबाना आज़मी, राज बब्बर, रेहाना सुल्तान, सुरेखा सीकरी, मनोहर सिंह और उत्पल दत्त ने बेहतरीन काम किया था।

    कौम दे हीरे
    इंदिरा गांधी के हत्यारों पर बनी इस पंजाबी फिल्म ने भी बहुत विवाद खड़े किए। फिल्म में इंदिरा के दोनों हत्यारों को बहुत ही शानदार ढंग से प्रस्तुत किया गया। कांग्रेस ने फिल्म पर आपत्ति जताई। इसके अलावा फिल्म के प्रोड्यूसर ने सेंसर बोर्ड से फिल्म को पास करवाने के लिए रिश्वत दी। फिल्म पास भी हो गई और रिलीज़ के लिए तैयार थी कि कांग्रेस को भनक लग गई। फिल्म को तुरंत बैन कर दिया गया। हालांकि सिख समुदाय ने फिल्म की सिफारिश यह कहकर की कि फिल्म सिख समुदाय पर इंदिरा गांधी सरकार की प्रता़ड़नाओं को दिखाती है।

    नसबंदी
    यह फिल्म इंदिरा गांधी सरकार की नीतियों पर व्यंग्य था। फिल्म के व्यंग्य इतने सीधे थे कि फिल्म को इमरजेंसी के बाद बैन कर दिया। फिल्म में इंदिरा गांधी सरकार की नसबंदी योजनाओं का जमकर मज़ाक उड़ाया गया था। हालांकि फिल्म ने वापस रिलीज़ होने के बाद कोई कमाई नहीं की।

    English summary
    Indira Gandhi has been the love of Bollywood regarding movies. However, Congress party has a record of touchiness when it comes to films involving its leaders and rule. Congress party served even a legal notice to the makers of a proposed film on the life of party leader Sonia Gandhi, fearing that it would contain inaccuracies.
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