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    Fathers Day Special 'क्रिकेट ही उनकी जिंदगी थी'- सैफ अली खान

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    Saif Ali Khan
    सैफ अली खान से जो भी मिलता है उसका पहला रिएक्शन यही होता है कि सैफ अली खान का बात करने का अंदाज, उनका कपड़े पहनने का सलीका सबकुछ किसी राजसी घराने के राजकुमार जैसा है। वो सामने वालो को इतनी इज्जत व सम्मान देते हैं कि हर कोई उनका प्रशंसक ही हो जाता है। लेकिन सैफ के अंदर मौजूद इन सारी खूबियों के पीछे उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी का सबसे बड़ा हाथ है। सैफ खुद भी अपने पिता को ही अपने बेहतर इंसान बनने के पीछे की वजह मानते हैं। हाल ही में सैफ अली खान से उनकी आने वाली फिल्म हमशकल्स के लिए हुए एक इंटरव्यू के दौरान सैफ ने अपने पिता को लेकर काफी सारी बातें कीं और यूं लगा कि जैसे उन्होंने अपना दिल खोलकर रख दिया हो।

    आप अपने पिता पर एक डॉक्यूमेंट्री बना रहे हैं ऐसी खबरें हैं। कुछ बताएंगे इसके बारे में। "जी मैं अपने पिता पर डॉक्यूमेंट्री बनाने की तैयारी कर रहा हूं, लेकिन इसके लिए हमें उनपर शूट की गयी फुटेज की जरुरत है। हम सभी पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक इतना फुटेज नहीं मिला है कि हम फिल्म बना सके। जैसे ही फुटेज मिल जाएगी हम फिल्म बनाएंगे। मुझे लगता है कि 60 दशक का समय उनकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन समय था। उन्हें खुद को भी 60 का दशक ही सबसे ज्यादा पसंद था क्योंकि उस वक्त वो क्रिकेट में अपने बेस्ट परफॉर्मेंस दे रहे थे।"

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    "क्रिकेट उनकी जिंदगी थी। वो क्रिकेट को काफी इंज्वॉय करते थे। मुझे हमेशा महसूस हुआ कि जब वो क्रिकेट से दूर हुए तो वो काफी निराश रहते थे। मैंने ये भी सुना था कि वो क्रिकेट खेलते खेलते थोड़ा बोर भी हो गये थे। वो बहुत ही अलग किस्म के इंसान थे। वो चीजों से ज्यादा जुड़ते नहीं थे। क्रिकेट अगर उनकी जिंदगी थी तो वो ये भी कहते थे कि वो क्रिकेट नहीं खेलना चाहते क्योंकि उन्होंने क्रिकेट बहुत खेल लिया था। वो बहुत ही स्पेशल इँसान थे। हम सभी उन्हें अपना रोल मॉडल मानते हैं। उनके कई सारे दोस्त थे और सभी उन्हें बहुत प्यार करते थे। वो एक प्रिंस की तरह थे, उनका अपना ही अंदाज था और वो जमीन से जुड़े हुए थे। वो पैसे की बहुत इज्जत करते थे और साथ ही लोगों को भी पूरा सम्मान देते थे।"

    क्या आपको भी लगता है कि कहीं ना कहीं आप भी अपने पिता की ही तरह हैं- "जी हां मैं ये महसूस करता हूं कि मेरे अंदर भी उनकी खूबियां आई हैं जैसे कि मैं खुद के लिए वक्त निकालना, अपनी जिंदगी अपनी तरह जीना पसंद करता हूं। मुझे अकेले बैठकर किताब पढना, बारिश देखना, फिल्में इंज्वॉय करना, अपने परिवार के साथ वक्त बिताना, छुट्टियों पर जाना बेहद पसंद है। ना कि हर वक्त लोगों से घिरा रहना और अपने काम में ही व्यस्त रहना। ये सारी बातें कहीं ना कही मेरे पिता से जुड़ी हुई हैं।"

    English summary
    Saif ali Khan was very close to his father. Saif says Mansoor Ali Khan Pataudi was like a prince. He used to give respect to both money and people. Saif says Cricket was his father's life.
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