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    Exclusive: 'भूत' से लेकर 'बुलेट राजा' तक संदीप नाथ का सफर

    By सोनिका मिश्रा
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    Sandeep Nath
    उत्तर प्रदेश के एक बंगाली परिवार में जन्‍में और कम उम्र में करियर शुरु करने वाले बॉलीवुड के जाने माने फिल्म गीतकार और लेखक संदीप नाथ ने बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों को अपने खूबसूरत गीतो से सजाया है। राम गोपाल वर्मा की 2003 में आई हिट फिल्म भूत से अपने करियर की सफल शुरुआत करने के बाद संदीप नाथ ने पेज 3, सरकार, कॉरपोरेट, सांवरिया, सरकार राज, फैशन, जेल, पान सिंह तोमर, साहेब बीवी और गैंग्सटर जैसी कई हिट फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं। पेश हैं संदीप नाथ के साथ सोनिका मिश्रा की एक्सक्लूसिव बातचीत के कुछ अंश जिनमें आप जानेंगे बॉलीवुड की आने वाली फिल्मों बुलेट राजा, आशिकी 2 और साहेब बीवी और गैंग्स्टर रिटर्न्स के गानों से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां।

    बतौर लेखक और गीतकार आपने अपने करियर की शुरुआत कैसे की?

    मैं बचपन में नानी दादी की कहानियां सुनते सुनते अपनी कहानियां भी बनाने लगता था। फिर कुछ-कुछ पंक्तियां भी लिखनी शुरु कीं। अक्‍सर साल के अंत में घर के बड़े लोग अपनी डायरियां मुझे दे देते थे, जिनके कई पन्‍ने खाली होते थे। और उन्‍हीं डायरियों में मैं अपनी कहानियां और कविताएं लिखता रहता था। इसी तरह से कई डायरियां लिखीं। एक दिन मां ने वो डायरियां पढ़ीं और कहा इन्हें अलग तरह से लिखो तो और भी अच्छी लगेंगी। मां की इस बात से मुझे प्रेरणा मिली और मैंने घर में आने वाले लोगों को कभी-कभी रचनाएं सुनानी शुरू कर दीं। फिर होली-दीवाली पर होने वाले सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों में अपनी कविताएं सुनानी शुरू कीं और फिर धीरे-धीरे लोग मुझे जानने लगे। उसके बाद हम मंचो पर परफॉर्म करने लगे और इस तरह मेरे अंदर की काव्य प्रतिभा का विकास हुआ।

    बॉलीवुड में सबसे पहले कैसे एंट्री मिली?

    मुंबई में आने के बाद सबसे पहले मैंने ऐडवरटाइसमेंट के लिए जिंगल, कॉपीराइटिंग के जरिये शुरुआत की। सुनिधी चौहान द्वारा गाया गया देना बैंक का जिंगल मैंने ही लिखा था। उसके बाद मुझे फिल्में मिलनी शुरु हुईं। 2002 में सबसे पहले भूत फिल्म और पैसा वसूल मैंने साइन की थी। मनीषा कोईराला के भाई सिद्धार्थ कोईराला के जरिये मैं मनीषा जी से मिला था और उन्‍हें मैंने अपने कुछ गीत और गजल सुनाये, जो उन्‍हें पसंद आये। उन्‍होंने मुझसे वादा किया था कि उनकी फिल्म पैसा वसूल का निर्माण शुरु होते ही वो मुझे काम देंगी। उन्होंने अपना वादा पूरा किया। फिर पैसा वसूल के सभी गाने मुझसे लिखवाये। इसी के साथ मुझे राम गोपाल वर्मा जी की भूत फिल्‍म में गीत लिखने का मौका मिला, जिसे ऊषा उत्‍थुप जी ने गाया था। इस प्रकार 2003 में रिलीज हुई भूत मेरी पहली फिल्‍म रही।

    किस फिल्म से आपके पैर बॉलीवुड में मजबूती से जम गये?

    भूत और पैसा वसूल के बाद एक हसीना थी और रक्त जैसी फिल्मों में मैने गाने लिखे। उसके बाद आयी मधुर भंडारकर की फिल्‍म पेज 3, जिसमें मैंने पांच गीत लिखे। उनमें से तीन गीत बहुत हिट हुए। वो गीत थे- लता जी का गाया हुआ गीत, "कितने अजीब रिश्‍ते हैं यहां पे...", आषा जी द्वारा गाया हुआ हुजूर हुलूरे आला... और सपना अवस्‍थी द्वारा गाया गया कुवां मां डूब जाउंगी.... बहुत हिट हुए। इस फिल्‍म को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार मिला और मेरे पैर फिल्‍म इंडस्‍ट्री में मजबूती से जम गये। इसके बाद आयी संजय लीला भंसाली की फिल्‍म सांवरिया में मैंने एक गीत- जिसमें'यूं शबनमी पहले नहीं थी चांदनी' लिखा, जिसके लिए मुझे सर्वश्रेष्‍ठ गीतकार का स्टारडस्ट अवॉर्ड भी मिला। इसके बाद फिल्‍मों का सिलसिला शुरू हो गया- सरकार, सरकार राज, कॉर्पोरेट, फैशन और जेल से लेकर साहब बीवी गैंग्‍स्‍टर और पान सिंह तोमर तक 50 से अधिक फिल्‍मों में लिखने का मौका मिला। "फैशन का है यह जलवा...", " ओ सिकंदर... ", "लम्‍हा-लम्‍हा जिंदगी...", "रात मुझे कहकर चिढ़ाये..." जैसे गीत भी बहुत प्रसिद्ध हुए।

    आज के गीतों और पहले के गीतों में क्या अंतर पाते हैं आप?

    पहले गीतों पर संगीत बनाया जाता था लेकि आजकल संगीत पर गीत ज्यादा लिखे जाते हैं। धीरे-धीरे बॉलीवुड में कुछ नये एक्सपेरिमेंट हुए और संगीत पर गीतों को फिट करने का चलन बढ़ गया। मैंने ज्यादातर गाने धुन पर ही लिखे हैं।

    आपके आने वाले प्रोजेक्ट कौन कौन से हैं?

    मेरी आने वाली फिल्म का नाम है- डोंट वरी जस्‍ट बी हैप्‍पी, जिसमें मैं डायलॉग लिख रहा हूं। इसके अलावा बुलेट राजा, साहेब बीवी और गैंग्स्टर रिटर्न्स और भट्ट कैंप की आशिकी 2 में लिखे मेरे गीत आपको जल्‍द सुनाई पड़ेंगे।

    बुलट राजा के अब तक दो गाने रिकॉर्ड हो चुके हैं जिसमें एक आइटम सॉंग है जिसे ममता शर्मा ने गाया है और साजिद वाजिद ने म्यूजिक दिया है। इस फिल्म के निर्देशक तिग्मांशू धूलिया के साथ मैं तीन फिल्में शागिर्द, पान सिंह तोमर और साहेब बीवी और गैंग्स्टर कर चुका हूं। बुलेट राजा का आइटम सॉंग बाकी सॉंग से हटकर है। इस एकदम देसी आइटम सॉंग में हमने कुछ इंग्लिश शब्दों का प्रयोग किया है। मजा ये है कि देसी लोग कैसे इंग्लिश बोलते हैं वो पता चलेगा आपको।

    आशिकी फिल्म भट्ट कैंप की अब तक की सबसे बड़ी म्यूसिकल हिट थी। क्या आशिकी 2 के गाने भी इस इतिहास को दोहरा पाएंगे?

    आशिकी में एक गाना कर रहा हूं अंकित तिवारी म्यूजिक डायरेक्टर हैं। इस गाया भी अंकित तिवारी ने है। इसके कंपोसर गीत गांगुली, मिथुन और अंकित तिवारी और ये भट्ट कैंप की फिल्म है जिनका एक म्यूजिकल इतिहास है, साथ ही टीसीरीज कंपनी भी इससे जुडी़ हुई है जो गाना ही तब सेलेक्ट करते हैं जब गाना बिल्कुल हटकर हो तो गानों का बेहतरीन होना तो लाजिमी है। गाने भी एक्स्ट्रा ओर्डिनरी है, धुन भी कुल मिलाकर ये फिल्म लोगों के लिए म्यूजिकल ट्रीट होगी।

    आपके फेवरेट गीतकार कौन हैं?

    गीतकारों में शैलेंद्र जी, साहिर लुधियानवी, मजरू सुल्तानपुरी, आनंद बख्शी जी के अलावा गुलजार और जावेद अख्तर और का मैं फैन हूं। आज के गीतकारों में मैं प्रसून जोशी और अमिताभ भट्टाचार्या का नाम लेना चाहूंगा जो की इस समय के बहुत बेहतरीन गीतकार हैं। इनके अलावा भी कई नाम हैं, जो मुझे ध्‍यान में नहीं आ रहे हैं।

    English summary
    Bullet Raja lyricist Sanddep Nath says that item song of the film is very different,they have used English words in desi item Song. He also says that Aashiqui 2 will be the musical treat for everyone. Sandeep Nath started his career with film Bhoot. Here is an exclusive interview of Sandeep Nath.
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