सिंह इज ब्लिंग (2015)
सिंह इज ब्लिंग कहानी
'सिंह इज ब्लिंग' में एक बार फिर अक्षय कुमार सरदार का किरदार निभाएंगेा अक्षय कुमार और प्रभुदेवा की सुपरहिट जोड़ी जो कि इसके पहले राउडी राठौड़ में एक साथ काम कर चुकी है, इस बार फिर एक साथ काम करने जा रही हैा
कहानी
कहानी एक पंजाब के गांव से शुरू होती है, रफ्तार सिंह (अक्षय कुमार) अपने घर वालों के साथ ही पूरे गांव का चहेता होता है, लेकिन उसकी हरकतों से योगराज सिंह परेशान रहते हैं। घरवालों के कहने पर रफ्तार चिडिय़ाघर में नौकरी पर लग जाता है। तभी एक शेर अपने पिंजड़े से भाग जाता है और रफ्तार मजबूरन शेर की जगह कुत्ता पिंजड़े में भेज देता है। उससे गुस्सा होकर उसके पापाजी उसे गोवा में एक कसीनो के मालिक के पास काम करने भेज देते हैं।
रफ़्तार की हरकतों से तंग आयकर उसके पापाजी उसे गोवा स्थित अपने करीबी यार (प्रदीप रावत) के पास भेजते हैं। यहां भी रफ्तार बोले तो सिंह को अंग्रेजी की जरा भी मालुमात न होने के कारण गोवा के नामचीन डॉन का खास बन जाता है। वहीं दूसरी तरफ सारा (ऐमी जैक्शन) रोमानिया देश में एक डॉन की बेटी होती है। वहीं के दूसरे डॉन के बेटे मार्क (के के मेनन) को सारा से एक तरफा प्यार हो जाता है। अब सारा के पिता उसे मार्क से छुटकारा पाने के लिए गोवा भेजते हैं। बता दें कि सारा को हिंदी की जरा भी जानकारी नहीं होती है और वह गोवा अपनी मां को ढूंढऩे के लिए आती है। अब उसकी मुलाकात रफ्तार सिंह से हो जाती है, जो सारा से हर मायने में कमजोर ही होता है। अपनी अंग्रेजी की कमी को छिपाने के लिहाज से रफ्तार अपने दोस्तों अर्फी लांबा और अनिल मांगे की मदद से एक ट्रांसलेटर एमिली (लारा दत्ता) को हायर करता है, एमिली भी उसे सारा की कही हुई हर बात को किसी दूसरे अंदाज में ही बताती है। अब सब उल्टा-पुल्टा... इसी के साथ फिल्म में गजब का ट्विस्ट आता है और कहानी आगे बढ़ती है।