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    एयरलिफ्ट कहानी

    'इंसान की ना, फिदरत ही ऐसी होती.. चोट लगती है न, तो आदमी मां मां ही चिल्लाता है सबसे पहले'.. यह डॉयलोग है फिल्म 'एयरलिफ्ट' की, जो देश भर के सिनेमाघरों में  रिलीज हो चुकी है। राजा कृष्ण मैनन के निर्देशन में बनी इस 
    फिल्म का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था।

     एयरलिफ्ट' में देशभक्ति है, परिवार है, एक्शन, इमोशन.. सब कुछ है। फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। एयरलिफ्ट 1990 के गल्फ वॉर को दिखाती है, जब कुवैत से 1,70,000 हिंदुस्तानियों को वहां से बचाकर देश की धरती पर लाया गया था। यह भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
     
    कहानी- यह कहानी कुवैत में रहने वाले भारतीय मूल के बिजनेसमैन रंजीत कटियाल (अक्षय कुमार) की है. रंजीत अपनी बीवी अमृता कटियाल (निम्रत कौर) और बच्ची के साथ कुवैत में रहते हुए अच्छा कारोबार कर रहा होता है। रंजीत उन
     भारतीय मूल के लोगों में से है जिसे भारत वापसी करने में कोई भी इंट्रेस्ट नहीं है और सिर्फ मुनाफे का काम करते हुए कहानी आगे बढ़ती है। कई मोड़ लेते हुए अचानक से इराक और कुवैत के बीच जंग छिड़ जाती है जिसकी वजह से
     वहां मौजूद भारतीय मूल के लोगों को युद्ध के दौरान भारत वापस भेजे जाने की कवायद शुरू हो जाती है।रंजीत कटियाल खुद ना जाकर वहां मौजूद 1 लाख 70 हजार भारतीयों को देश वापसी कराने पर ध्यान देता है।यह भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी।  
     
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