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    शायरी, कविताएं छोड़ देने का आज भी अफसोस है- माधुरी दीक्षित

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    ये जवानी है दीवानी के आइटम नंबर से बॉलीवुड में दोबारा से धमाकेदार एंट्री करने वाली खूबसूरत धक धक गर्ल माधुरी दीक्षित की फिल्म डेढ़ इश्किया हाल ही में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई है। फिल्म को हालांकि इसके पहले पार्ट की तरह धमाकेदार ओपनिंग नहीं मिली। लेकिन माधुरी और नसीरुद्दीन शाह के नाम की वजह से और अरशद वारसी की आउटस्टैंडिग कॉमेडी की वजह से फिल्म बॉक्स ऑफिस पर टिकी हुई है। माधुरी ने वनइंडिया से बातचीत के दौरान अपनी फिल्म गुलाबी गैंग और डेढ़ इश्किया के बारे में कई सारी बातें शेयर कीं। इसके अलावा अपने बच्चों पति और साथ ही अपनी कुछ अधूरी इच्छाओं के बारे में भी माधुरी ने खुलकर बोला।

    ये है माधुरी दीक्षित के साथ हुई बातचीत के कुछ अंश-

    साल की शुरुआत में ही आप पहले डेढ़ इश्किया की बेगम पारा और फिर अब गुलाब गैंग में महिला गैंग की लीडर जैसे सशक्त किरदार में नज़र आ रही हैं। कैसा महसूस हो रहा है?

    बेगम पारा एक बहुत ही खूबसूरत किरदार था। बेगम पारा को शायरी का बहुत शौक है और वो हर साल अपने स्वंयवर गुलाब गैंग एक महिला गैंग की कहानी है जिस गैंग की लीडर का किरदार मैं निभा रही हूं। ये गैंग सिर्फ महिलाओं ही नहीं बल्कि हर किसी की मदद करता है जिसे भी मदद की जरुरत होती है। तो कुल मिलाकर इस साल रिलीज होने वाली मेरी दोनों ही फिल्मों की कहानी मुख्यतौर पर महिला किरदार पर ही आधारित है और मुझे कुछ अलग और बहुत ही मजबूत किरदार निभाने का मौका मिला है।

    इतने समय बाद जब आप बॉलीवुड में इतने सशक्त किरदारों के साथ वापसी कर रही हैं तो कितना परिवर्तन आपको महसूस हो रहा है नब्बे के दशक में और आज के समय में? कोई स्पेशल किरादर जो कि आपको हमेशा से ही भाया है?

    मेरा कोई भी पसंदीदा किरदार नहीं है। जितना ही किरदार में गहराई होती है उसे निभाने में उतना ही मजा आता है। मुझे लगता है कि आज सिनेमा बहुत बदल चुका है और महिलाओं को फिल्मों में कुछ सशक्त किरदार निभाने का मौका मिल रहा है। अब वो सिर्फ आईकैंडी नहीं रह गयी हैं। उनके किरदार भी फिल्मों में काफी तवज्जो रखते हैं। मैं बहुत लकी हूं कि इतने समय बाद जब मैं वापस बॉलीवुड में काम कर रही हूं तो मुझे शुरुआत में ही इतने खूबसूरत किरादर निभाने का मौका मिल रहा है। बतौर एक्ट्रेस मुझे ऐसा लगता है कि आज महिला कलाकारों के लिए सबसे बेस्ट समय चल रहा है।

    अभिषेक ने बताया कि इश्किया को देखने के बाद विद्या बालन जैसा किरदार निभाने को आप बहुत उत्सुक थीं। लेकिन आप हमेशा से ही बेटा, दिल तो पागल है, हम आपके हैं कौन जैसी पारिवारिक फिल्मों के लिए मशहूर रही हैं। फिर इस तरह के बोल्ड किरदार को निभाने के लिए क्यों हां कहा?

    जब मुझे फिल्म की कहानी और मेरा किरादर बताया गया तो मैं बहुत ही एक्साइटेड थी। आपने जब फिल्म देखी होती तो आपको लगा होगा कि बेगम पारा के किरदार में बहुत सारे अलग अलग रुप थे। इसीलिए मैंने इस किरदार को करने के लिए हां की। ये एक अलग सिनेमा है। जब मैंने मृत्युदंड की थी तो उस समय भी मुझसे लोगों ने कहा था आप ये फिल्म क्यों कर रही हैं। लेकिन वो मेरी च्वाइस थी और इसी तरह से डेढ़ इश्किया भी मेरी ही च्वाइस है। और मुझे फिल्म करते समय किसी भी तरह की कोई मुश्किल नहीं हुई।

    इश्किया तो आपने देखी ही होगी। बतौर एक्ट्रेस आपको विद्या कैसी लगती हैं?

    विद्या बालन बहुत ही खूबसूरत और बेहतरीन फिल्म है। सिर्फ इश्किया ही नहीं बल्कि उनकी बाकी की भी फिल्मों कहानी, डर्टी पिक्चर आदि में भी वो वंडरफुल थीं। तो उनसे तो मुकाबला करने की कोशिश नहीं की है मैंने सिर्फ अपने किरदार को अच्छी तरह से परदे पर उतारने की कोशिश की है।

    माधुरी से बातचीत के कुछ अंश-

    English summary
    Madhuri Dixit says just like Brgham Para in Dedh Ishqiya she herself is also very fond of poetry and shayari. Madhuri said she love Urdu and she used to write poetry in Urdu when she was young. Madhuri also shared her experience working with Naseerussin Shah in Dedh Ishqiya.
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